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छोटे बच्चों को खेलना-कूदना और मजे करना अच्छा लगता है। दरअसल उन्हें दुनिया की परवाह नहीं होती और वे अपनी ही दुनिया में मगन होते हैं। ऐसे में यदि किसी बच्चे का लक्ष्य 12 साल की उम्र में किसी पहाड़ पर चढ़ाई करने का हो, तो इसे क्या कहेंगे। कुछ ऐसा ही लक्ष्य मुंबई की रहने वाली काम्या कार्तिकेयन ने बनाया और वह उसमें सफल भी हुई।

काम्या कार्तिकेयन मुंबई की रहने वाली है और इसकी उम्र अभी महज 12 साल ही है। काम्या ने पर्वतारोही के रूप में रिकॉर्ड बनाया है। इसका नाम सबसे कम उम्र की इंडियन में शामिल हो चुका है, जिसने उत्तरी अमेरिका के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंट डेनाली पर चढ़ने की सफलता पाई है। मुंबई के नेवी चिल्ड्रन स्कूल में पढ़ने वाली काम्या के पापा का नाम नेवी कमांडर एस कार्तिकेयन है। काम्या माउंट डेनाली पर चढ़ते समय अपने साथ तिरंगा और नैसेना के ध्वज को लेकर भी गई थी। उसने यह सफलता 27 जून को पाई है।

सातों समिट चैलेंज में सबसे कठिन

काम्या कार्तिकेयन की इस सफलता की पुष्टि डिफेंस मिनिस्ट्री ने एक रिलीज भेजकर की है। इसके अनुसार, उत्तरी अमेरिका में सुदूर अलास्का की चोटी सबसे ऊंची है और शायद सातों समिट चैलेंज में सबसे कठिन भी। काम्या ने इस चढ़ाई के साथ सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने के अपने पांचवें मील को पार कर कर लिया है। इसके साथ काम्या ने दोनों ध्रुवों पर स्कीइंग भी की है।

इस समिट पर जाने से पहले काम्या ने अपने इंस्टाग्राम पर अपडेट भी किया था। उसने हेलिकॉप्टर में चढ़ते हुए अपनी एक फोटो डाली थी और कैप्शन में लिखा था – आखिरकार इंतजार खत्म हुआ। माउंट डेनाली पर चढ़ने के लिए ग्लेशियर की ओर जा रही हूं। समय आ गया है कि मैं अपनी 2 साल की मेहनत को परखूं। मौसम के ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वह दयावान रहें और शक्तिशाली पर्वत हमें समिट को पूरा करने और हमारी सुरक्षित वापसी को सुनिश्चित करें।

रिलीज में यह भी बताया गया है कि माउंट एवरेस्ट और माउंट विन्सन के साथ ध्रुवीय स्की ट्रैवर्स बचे हुए हैं, काम्या एक्सप्लोरर के ग्रैन्डस्लैम को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है। वह शायद ऐसा करने वाली सबसे कम उम्र की है। कहा जा रहा है कि काम्या का मिशन सभी सात महाद्वीपों में ऊंची चोटियों पर पहुंचने का है। इसके साथ ही उसका लक्ष्य उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर स्कीइंग करने का भी है। आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली काम्या की इस तैयारी में उसकी फैमिली भी पूरा साथ देती है। इसीलिए तो उसके पापा और मम्मी साथ में मैराथन भी करते हैं। इस ट्रिप पर भी काम्या के पापा ने उसका साथ दिया था।

पिछले साल ही काम्या को प्रधान मंत्री बाल पुरस्कार मिला है। यह 18 से कम उम्र के लोगों को मिलने वाला सर्वोच्च राष्ट्रीय नागरिक सम्मान है, जो काम्या को असाधारण पर्वतारोहण की उपलब्धियों के लिए मिला है।

काम्या एक पर्वतारोही ही नहीं बल्कि पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में भी आगे रहती है। उसने मुंबई डिबेट चैम्पियनशिप में भी अवॉर्ड जीते हैं। यही नहीं, वह भरतनाट्यम भी करती है। काम्या ने अपने इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल का नाम काम्या साहस रखा है, जो उसके स्वभाव और प्रकृति को दर्शाता है।


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