Sourav Ganguly BCCI
Sourav Ganguly BCCI

BCCI प्रमुख सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को लेकर भूचाल मचा हुआ है। 2019 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष बनने वाले सौरव गांगुली का पद छोड़ना पक्का है। उनकी जगह रोजर बिन्नी (Roger Binny) का अध्यक्ष बनना लगभग पक्का है।

दूसरी ओर, इस पर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीति तेज हो गई है। TMC ने पद से हटने को लेकर दादा (Sourav Ganguly) का अपमान बताया है। उनका कहना है कि अगर जय शाह सचिव (Jay Shah) बने रह सकते हैं तो गांगुली क्यों नहीं।

बंगाल की राजनीति में बवाल

तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि गांगुली BCCI अध्यक्ष (Sourav Ganguly BCCI) के रूप में मौजूद हैं और एक भाजपा नेता के बेटे के रूप बोर्ड सचिव पद पर रहना सही नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘केवल सौरव गांगुली ही इस मामले में उत्तर दे सकते हैं। मैं यह जवाब देने की स्थिति में नहीं हूं कि वह इस मामले में राजनीतिक स्पष्टीकरण के साथ कहां तक सही हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब भाजपा ने पूरे क्षेत्र में एक संदेश फैलाने की कोशिश की थी। पश्चिम बंगाल के सौरव गांगुली जल्द ही उनके खेमे में होंगे। यह संदेश एक भाजपा नेता के अपने आवास पर रात्रि भोजन के बाद फैलाया गया था। अब भाजपा को उस संदेश पर धीरे-धीरे सवालों का सामना करना पड़ा, जो उन्होंने फैलाने की कोशिश की।’

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बीजेपी में शामिल नहीं हुए इसलिए यह हो रहा

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य, डॉ शांतनु सेन ने भी एक ट्विटर संदेश जारी कर संकेत दिया है कि गांगुली का BCCI से बाहर होना शायद इसलिए है क्योंकि या तो वह तृणमूल कांग्रेस शासित राज्य से हैं या इसलिए कि वह भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं। बता दें कि बंगाल चुनाव के दौरान हुई एक मुलाकात के बाद इस तरह की खबरें चर्चा में आई थीं, लेकिन गांगुली ने इससे इनकार किया था।

बीजेपी की ओर से आया जवाब

प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व राज्य इकाई प्रमुख, दिलीप घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा ये निराधार राजनीतिक आरोप हैं।

उन्होंने कहा, ‘यह कोई जानकारी नहीं है कि हमारी पार्टी ने सौरव गांगुली से संपर्क किया था। तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे पर अनावश्यक रूप से बातें कर रही है।’ भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा बिना किसी एक व्यक्ति पर निर्भर हुए या बिना किसी तरह के समझौते के राष्ट्रीय स्तर पर इस मुकाम पर पहुंच गई है।

ऐसे आरोप लगाना TMC की आदत

उन्होंने कहा, ‘यह दावा करना गलत है कि जब तक सौरव गांगुली पार्टी में शामिल नहीं होंगे, तब तक बीजेपी पश्चिम बंगाल में अपना मजबूत आधार नहीं बना पाएगी। दरअसल, बीजेपी पर बेबुनियाद आरोप लगाना तृणमूल कांग्रेस की आदत बन गई है। लेकिन इस तरह की बातें वास्तव में सौरव गांगुली का अपमान करेगी और क्रिकेट प्रेमियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाएगी। खेल के क्षेत्र में इस तरह की अनावश्यक बातें ठीक नहीं है।’

क्या कहता है नियम?

सुप्रिम कोर्ट के नए नियम के अनुसार, सौरव गांगुली (Sourav Ganguly BCCI) अभी भी 3 वर्ष तक के लिए बोर्ड में रह सकते हैं। दरअसल, नया नियम कहता है कि बोर्ड में कोई भी 6 वर्ष तक के लिए किसी भी पद पर रह सकता है। इसके बाद उसे 3 वर्ष के लिए कूलिंग पीरिया पर जाना होगा। यानी 6 वर्ष के कार्यकाल के बाद उसे अगले 3 वर्ष तक के लिए बोर्ड में आने को लेकर अयोग्य रहेगा।

पहले 6 वर्ष सेंट्रल बोर्ड और स्टेट बोर्ड को काउंट किया जाता था, लेकिन अब 6 वर्ष के कार्यकाल में स्टेट बोर्ड को शामिल नहीं किया जाता है। इस तरह 23 अक्टूबर 2019 को गांगुली अध्यक्ष बने थे, जबकि एक दिन बाद जय शाह के सचिव बनने का ऐलान हुआ था।


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