Hardik Pandya 1
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Happy Birthday Hardik Pandya: भारतीय टीम के स्टार ऑलराउंडर और टी 20 वर्ल्ड कप 2022( T20 World Cup 2022) में भारतीय टीम का ट्रंप कार्ड हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya Birthday) अपना 29वां जन्मदिन मना रहे हैं।

हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya Birthday) का जन्म 11 अक्‍टूबर 1993 को गुजरात के सूरत में हुआ था। पंड्या ने अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव देखें हैं लेकिन इन सभी से लड़ कर वे आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं। आज करोड़ों की संपत्ति के मालिक पंड्या एक समय तक एक बैट भी नहीं खरीद सकते थे।

9वीं कक्षा में छोड़ा स्कूल

सूरत में जन्मे हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya Birthday) की शुरूआत से ही क्रिकेट में काफी दिलचस्पी थी उनके पिता भी उन्हें कई बार मैच दिखाने ले जाया करते थे। उन्हें पढ़ाई लिखाई में कोई इंटरेस्ट नहीं था। उनके पिता हिमांशु पांड्या ने दोनों भाइयों की कुशलता और क्रिकेट के प्रति उनकी दिवानगी को देख अपना बिजनेस सूरत से बड़ौदा शिफ्ट करने का फैसला कर लिया, ताकि वह अपने बेटों को अच्छा प्रशिक्षण दिला सकें।

बड़ौदा आने के बाद उनके पिता हार्दिक और कुणाल को किरण मोरे क्रिकेट एकेडमी ले गए। किरण मोरे उनके शुरुआती कोच रहे, जिन्होंने दोनों भाइयों की जबरदस्त क्रिकेट कुशलता और उनके आर्थिक हालात को देख उनसे फीस न लेने का फैसला किया। वहीं इसी बीच हार्दिक ने 9वीं तक पढ़ने के बाद पढ़ाई भी छोड़ दी थी।

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मैगी खाकर मैदान पर करते थे प्रेक्टिस

एक तरफ दोनों भाई क्रिकेट ट्रेनिंग लेने लगे तो दूसरी तरफ उनके पिता का बिजनेस सिमटता चला गया। लेकिन पिता हिमांशु पांड्या ने अपनी आर्थिक मंदी के बारे में कभी हार्दिक और कुणाल को नहीं बताया। क्योंकि वे अपने बेटों का क्रिकेट के प्रति मानसिक संतुलन बनाए रखना चाहते थे, लेकिन धीरे-धीरे आर्थिक मंदी ने हार्दिक को इस कदर घेरा की वे सिर्फ मैगी खा कर मैदान पर प्रैक्टिस करते थे। अपने भोजन के पैसे बचा कर पंड्या क्रिकेट किट इकट्ठा किया करते थे। हार्दिक के पास यहां तक बैट तक खरीदने के पैसे नहीं थे।

पैसों के लिए गांवों में टूर्नामेंट खेलना शुरू किया

आर्थिक हालत सुधारने के लिए और परिवार की मदद करने के लिए हार्दिक और उनके भाई क्रुणाल ने अपने टैलेंट का इस्तेमाल कर पैसा कमाने का सोच लिया। दोनों भाई आसपास के गांवों में जाकर 400-500 रुपए के लिए लोकल टूर्नामेंट खेलने लगे।

हार्दिक पंड्या को हार्दिक पंड्या बनाने में उनके परिवार का भी योगदान कुछ कम नहीं है। हार्दिक के पिता हिमांशु का सूरत में एक छोटा कार फाइनेंस बिजनेस था। हार्दिक को क्रिकेट में अच्छी सुविधाएं दिलाने के लिए यह बिजनेस बंद करके वडोदरा शिफ्ट हो गए। वहां हार्दिक ने किरण मोरे क्रिकेट एकेडमी में दाखिला लिया।

आईपीएल से मिली पहचान, फिर भारतीय टीम में मचाया गदर

अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी से डोमेस्टिक क्रिकेट में सभी को प्रभावित करने वाले हार्दिक पंड्या ने 2015 में मुंबई इंडियंस की तरफ से डेब्यू किया और सभी का दिल जीत लिया। जिसके बाद 2016 में उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया। जिसके बाद उन्होंने विश्वकप में भी भारतीय टीम का नेतृत्व किया।

वे पिछले दो साल से इंजरी से परेशान थे और उन्हें टीम से भी बाहर कर दिया गया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आईपीएल 2022 में वापसी की और अपनी बॉलिंग, बेटिंग और कप्तानी से भी सभी को इंप्रेस किया जिसके बाद उनका चयन टी 20 विश्वकप के लिए भरतीय टीम में किया गया। उनके फैंस को विश्वकप में उनसे काफी उम्मीदे हैं।


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