प्लास्टिक के बिना अपनी लाइफ़ नहीं चल सकती. हम सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद भी कर दें, तो भी किसी न किसी तरीके से प्लास्टिक मिल ही जाएगा. कोई इंसान इससे अछूता नहीं रह सकता. रोज़ाना कई टन प्लास्टिक पृथ्वी पर जमा हो रहा है और अब तक इसका कोई पर्मानेंट सॉल्यूशन भी नहीं निकाला गया.
2018-2019 की एक रिपोर्ट की मानें, तो भारत में हर साल 3.3 मिट्रिक टन प्लास्टिक इकट्ठा होता है. दुनिया से प्लास्टिक को कम करने के मिशन को सिर-माथे पर लेकर नोएडा की एक महिला ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो पूरी दुनिया के लिए रामबाण उपाय है. समीक्षा गनेड़ीवाल नाम की महिला ने कागज़ की बोतल बनाई है जो 100 प्रतिशत बायोडिग्रेडेबल है. समीक्षा का कहना है कि ‘Kagzi Bottles’ दुनिया की पहली ऐसी बोतल है जो पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल है.
The Better India से बातचीत में समीक्षा ने बताया कि कॉलेज के दिनों में वे प्लास्टिक बैग्स को रिप्लेस करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी. समीक्षा ख़ुद अपनी लाइफ़ से प्लास्टिक को कम करने की कोशिश कर रही थी लेकिन उन्हें कोई दूसरा विकल्प नहीं मिल रहा था. उन्होंने इसी दौरान प्लास्टिक का विकल्प ढूंढने पर काम करने का मन बना लिया.
समीक्षा ने विजनन ज्योथि इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट से MBA किया. इसके बाद उन्होंने हैदराबाद, नोएडा के कई MNCs में काम किया. 2016 में समीक्षा ने पैकेजिंग सॉल्यूशन्स की अपनी कंपनी खड़ी की और प्लास्टिक बोतल का विकल्प ढूंढना शुरू किया.
समीक्षा को प्लास्टिक का विकल्प ढूंढने में रूचि तो थी लेकिन इस फ़ील्ड से जुड़ी ज़्यादा जानकारी नहीं थी. अपने सपने को हक़ीक़त में बदलने के लिए उन्होंने कई वैज्ञानिकों, प्रोडक्ट डिज़ाइनर्स से मदद ली.