गुजरात के सांवली स्थित एलस्टॉम के प्लांट में भारत की पहली रीजनल रैपिड रेल का छह कोच वाला पहला ट्रेन सेट बनकर तैयार हो गया है। 7 मई को सांवली प्लांट में आयोजित कार्यक्रम में भारत सरकार के आवास एवं शहरी मंत्रालय के सचिव की मौजूदगी में यह ट्रेन सेट राष्ट्रीय राजधानी परिवहन क्षेत्र (NCRTC) को सौंप दिया जाएगा। पहला ट्रेन सेट बड़े ट्रेलरों पर रखकर 14 मई के आसपास उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद स्थित दुहाई डिपो में लाए जाने की उम्मीद है। इस तरह के कुल 35 ट्रेन सेट (210 कोच) आने हैं।
साहिबाबाद-दुहाई के बीच इसी साल ट्रायल
दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर दूरी में रैपिड रेल दौड़ेगी। 8 मार्च 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने इस गलियारे की नींव रखी थी। परियोजना पर कुल 30274 करोड़ रुपए चार्च होने की उम्मीद है। यह कॉरिडोर बनने के बाद रैपिड रेल से मेरठ से दिल्ली के सराय काले खां तक सिर्फ 50 मिनट में पहुंचा जा सकेगा।
अनुमान है कि हर दिन करीब आठ लाख यात्री रैपिड रेल का सफर करेंगे। 82 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में कुल 24 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। पहले चरण में गाजियाबाद के साहिबाबाद स्टेशन से दुहाई डिपो तक 17 किलोमीटर दूरी में रैपिड रेल चलेगी। इस ट्रैक पर रेल चलाने का ट्रायल इस साल के आखिरी तक हो जाएगा। एनसीआरटीसी ने उम्मीद जताई है कि साल-2025 तक पूरे ट्रैक पर रैपिड रेल दौड़ने लगेगी।
रैपिड रेल के कोच की खासियत जानिए
इस अत्याधुनिक रैपिड रेल में एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई 2×2 ट्रांसवर्स कुशन सीटिंग, खड़े होने के लिए चौड़े स्थान, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (HVAC) और अन्य सुविधाएं होंगी। वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में स्टैंडर्ड के साथ महिला यात्रियों के लिए आरक्षित एक कोच और प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) कोच होगा।
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