हिंदू धर्म में तो वैसे सभी दिनों का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है और हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होता है. इन सात दिनों में सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित माना जाता है. भोलेनाथ के भक्तों को सोमवार के दिन व्रत रखकर उनकी विधि-विधान से पूजा अवश्य करनी चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से भक्तों पर उनकी असीम कृपा बरसती है. घर परिवार में लक्ष्मी का वास होता है.
सोमवार व्रत पूजा विधि
सोमवार के दिन भक्तों की सच्ची श्रद्धा से भगवान प्रसन्न होकर उन पर खूब कृपा बरसाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. नारद पुराण के अनुसार सोमवार व्रत में व्यक्ति को प्रातः स्नान करके शिव जी को जल और बेल पत्र चढ़ाना चाहिए तथा शिव-गौरी की पूजा करनी चाहिए. शिव पूजन के बाद सोमवार व्रत कथा सुननी चाहिए. इसके बाद केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए. साधारण रूप से सोमवार का व्रत दिन के तीसरे पहर तक होता है.
ॐ नमः शिवाय मन्त्र का जाप
सोमवार व्रत तीन प्रकार का होता है और तीनों व्रत -हर सोमवार, सोम्य प्रदोष और सोलह सोमवार – की विधि एक जैसी ही होती है. शिव पूजन के बाद कथा सुनना जरूरी होता है. शाम के समय भी भगवान की पूजा-अर्चना के साथ आरती करनी चाहिए. पूजा के दौरान ॐ नमः शिवाय मन्त्र का 108 बार जप अवश्य करना चाहिए. भगवान भोले शंकर की असीम कृपा के साथ-साथ मन्त्र के प्रभाव से भक्तों की सेलरी में वृद्धि होती है.
पूजन के बाद शिव चालीसा, व्रत कथा जरूर करनी चाहिए. घी का दीपक भगवान शिव के सम्मुख जलाएं. कथा के बाद भगवान की आरती करें. पूजा समापन के बाद भगवान जी से क्षमा प्रार्थना करें और अपनी मनोकामना प्रभु के सम्मुख रखें.