IMG 11052022 093600 800 x 400 pixel
IMG 11052022 093600 800 x 400 pixel

सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को इस बात की जांच करने के लिए सहमत हो गया कि क्या भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत पतियों को दी गई छूट के बावजूद अपनी पत्नी के साथ बलात्कार के लिए एक व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है। शीर्ष न्यायालय द्वारा ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब दिल्ली उच्च न्यायालय बुधवार यानी आज वैवाहिक बलात्कार के अपराधीकरण की मांग वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा।

उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ बुधवार को आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) के अपवाद 2 की वैधता पर अपना फैसला सुनाएगी, जो पतियों को वैवाहिक बलात्कार के आरोप से मुक्त करती है, बशर्ते पत्नी नाबालिग न हो।

हालांकि इस बीच, एक पति द्वारा बलात्कार का मामला कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मार्च में कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक व्यक्ति द्वारा दायर अपील में केंद्र, कर्नाटक राज्य और शिकायतकर्ता की पत्नी से जवाब मांगा।

23 मार्च को, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आईपीसी की धारा 376 के तहत अपनी पत्नी द्वारा पुरुष के खिलाफ लगाए गए बलात्कार के आरोप को हटाने से इनकार कर दिया था। वैवाहिक बलात्कार के इस मामले पर अपना फैसले देते हुए कोर्ट ने कहा था कि “एक क्रूर जानवर को उजागर करने” के लिए विवाह कोई लाइसेंस नहीं है।

कोर्ट ने कहा था कि अगर एक पुरुष किसी भी महिला के साथ बिना उसकी मर्जी के संबंध बनाता है तो वह आदमी दंडनीय है और तो दंडनीय ही होना चाहिए भले ही यह आदमी एक पति हो।

अब सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस जेके माहेश्वरी और हेमा कोहली भी शामिल थे, ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ आदमी की अपील को स्वीकार कर लिया और केंद्र, राज्य और पत्नी को नोटिस जारी किया। पीठ ने एक संक्षिप्त आदेश में कहा, “हमें इस पर सुनवाई करनी होगी। नोटिस जारी किया है। इस मामले को जुलाई के तीसरे सप्ताह में सूचीबद्ध करें।”

पत्नी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट से हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप न करने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि मामले में मुकदमा पिछले पांच वर्षों से लटका हुआ है, और नाबालिग बेटी का भी संबंधित आरोपी द्वारा यौन शोषण किया गया था।


Discover more from Newzbulletin

Subscribe to get the latest posts sent to your email.