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ओडिशा की युवती ने बनाया बिना ईट-सीमेंट का सस्ता और टिकाऊ Portable Home, जहां चाहो वहां ले जाओ

हमारे देश में दिनों-दिन बढ़ती आबादी की वजह से करोड़ों लोग बेघर हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक यहाँ 6 करोड़ से भी अधिक लोग सही आवास अथवा घर की सुविधा से वंचित हैं। अतः यहाँ पर बहुत से व्यक्ति झोंपड़ियों या कपड़े के अस्थायी घर बनाकर, रहा करते हैं।

 

परन्तु प्राकृतिक आपदा आने पर उनके ये घर टूट जाते हैं तथा इनको पुनः निर्मित करने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार से किफायती दाम में मजबूत घर खरीदना तो मानो आम लोगों की पहुँच से दूर होता जा रहा है।

 

लेकिन यदि आपको कहा जाए कि आपको ऐसे अस्थायी घरों के ही बजट में मजबूत व टिकाऊ घर मिल सकते हैं, तो कैसा रहेगा? आपके लिए शायद यकीन करना मुश्किल हो, पर ओडिशा की रहने वाली एक 22 साल की युवती स्वस्ति पटनायक (Swasti Patnaik) ने Fibre-Reinforced Plastic से अत्यंत कम खर्च में बहुत टिकाऊ मकान बनाकर सबको हैरान कर दिया है।

 

इस घर की खासियत ये है कि ये पोर्टेबल हाउस हैं यानी इन्हें आप बिना किसी परेशानी के एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकते हैं और एक एंकर हुक की सहायता से इन्हें किसी समतल स्थान पर फिट कर सकेंगे।

 

स्वस्ति पटनायक (Swasti Patnaik) ने इस बारे में बताते हुए कहा कि उनके पिताजी की फैक्ट्री में Fibre-Reinforced Plastic का प्रयोग करके पोर्टेबल टॉयलेट्स बनाए जा रहे थे, तभी उन्हें विचार आया कि इसी प्लास्टिक से घर भी तो बनाए जा सकते हैं। फिर अपने इसी विचार को हकीकत में तब्दील करते हुए स्वस्ति ने इस पर काम करना शुरू किया।

 

उनके पिताजी की सहायता से स्वस्ति ने Fibre-Reinforced Plastic से महज़ 3 लाख रुपये में ही किफायती व मजबूत घर बना लिए। उनका बनाया यह 1BHK घर भूकंप से भी सुरक्षित रहेगा।

 

गत वर्ष ही स्वस्ति ने, KIIT भुवनेश्वर से फैशन टेक्नॉलजी की शिक्षा ली। स्वस्ति ने बताया कि इस कॉलेज में भारत के अलावा अन्य कई देशों से स्टूडेंट्स पढ़ने आया करते हैं और अन्य देशों से ओडिशा में आए ये स्टूडेंट्स हमारे ओडिशा राज्य काफी बैकवर्ड समझा करते थे। स्वस्ति को यह बात नागवार थी अतः उन्होंने सोचा कि क्यों न कुछ ऐसा किया जाए की ओडिशा भी देश-विदेश में प्रसिद्ध हो जाए

 

स्वस्ति के पिताजी काजल पटनायक वर्ष 2005 से ही Fibre-Reinforced Plastic के उपयोग से थीम पार्क व पब्लिक प्लेसेज के लिए टॉयलेट इत्यादि बनाने का काम करते हैं।

 

अतः अपनी पढ़ाई पूरी करने के पश्चात स्वस्ति ने भी अपने पिताजी से Fibre-Reinforced Plastic के बारे में जानकारी हासिल की। इस तरह पिताजी की मदद से उन्होंने इस यूनिक प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया और अपने उत्कृष्ट कार्य से ओडिशा को फेमस कर दिया।

 

स्वस्ति के पिताजी काजल पटनायक ने बताया कि उनके पास एक छोटे मेढ़क से लेकर डायनासॉर तक सभी शेप्स के मोल्ड्स उपलब्ध हैं। Fibre-Reinforced Plastic इतना मजबूत व टिकाऊ होता है कि इससे हेलमेट व कार का बम्बर भी बनाए जाते हैं। फिर उन्होंने कहा कि जब स्वस्ति ने इससे घर बनाने का सुझाव दिया तो हमें अंदाजा तक नहीं था कि ये घर इतना आकर्षक बनेगा।

 

यद्यपि FRP को एक बार मोल्ड में डाल दिया जाए तो फिर उसमें कुछ परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। परंतु आप बिना परेशानी के कोई भी प्रकार की मरम्मत अवश्य कर पाएंगे। काजल पटनायक जी बताते हैं कि विदेशों में FRP का उपयोग बहुत अधिक होता है। ओड़िशा में सबसे पहले हमने ही इससे घर बनाया है।

 

वर्तमान में FRP के बने इस प्रकार के तीन घरों के मोल्ड्स स्वस्ति तैयार कर चुकी है। इनमें से फर्स्ट डिज़ाइन केवल एक रूम का बनाया है और दूसरा डिज़ाइन एक बेडरूम, किचन व बाथरूम का है। इसके अलावा, उनके बनाए तीसरे मोल्ड में घर की बालकनी भी बनी हुई है। उन्होंने घर के भीतर का भाग MDF बोर्ड से निर्मित किया है। बता दें कि स्वस्ति ने यह घर बनाने का कार्य जुलाई माह में प्रारंभ कर दिया था तथा लगभग डेढ़ महीने के पश्चात यह घर बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया था।

 

यह घर न केवल खूबसूरत व टिकाऊ है, बल्कि यह कंक्रीट के बने घर से अत्यंत कम लागत में बन जाता है। अगर आप कंक्रीट का घर बनवाते हैं तो आपको प्रति वर्ग फुट के लिए 5000 ₹ का खर्च करना होता है। परन्तु FRP से बना ये घर केवल 1200 ₹ प्रति वर्ग फुट में ही बन जाता है। स्वस्ति के बनाए सबसे बड़े घर के लिए 3 लाख ₹ की लागत आयी, जो कि 240 वर्ग फुट में बना है। इसके अलावा 180 वर्ग फुट की साइज में बने घर का दाम 2.2 लाख ₹ है। 100 वर्ग फुट में बने छोटे घर का मूल्य 1.2 लाख रुपये है।

 

ओडिशा राज्य में लगभग प्रतिवर्ष बाढ़ अथवा सुनामी आने का भय बना रहता है। अतः काजल पटनायक मानते हैं कि पोर्टेबल होने की वजह से ये घर हवामान विभाग की चेतावनी मिलने पर ही उनकी सहायता से समुद्र के किनारे पर स्थित इलाकों से हटाए जा सकते हैं। साथ ही ये घर बीच के पास स्थित रिसॉर्ट्स के लिए भी उपयोगी साबित होगा।

 

यह घर करीब 200MPH (miles per hour) तक हवा की तीव्र गति को भी सरलतापूर्वक सहन कर सकते हैं। यही वजह है कि बस एक ही महीने में उनको सारे देश से FRP द्वारा 50 से भी अधिक घर बनाने के ऑर्डर्स आ गए हैं। इस बारे में स्वस्ति बताती हैं कि अभी तो उन्हें रिसोर्ट बिज़नेस से सम्बंधित व्यक्तियों के ऑर्डर्स ज्यादा मिले हैं।

 

यह घर करीब 200MPH (miles per hour) तक हवा की तीव्र गति को भी सरलतापूर्वक सहन कर सकते हैं। यही वजह है कि बस एक ही महीने में उनको सारे देश से FRP द्वारा 50 से भी अधिक घर बनाने के ऑर्डर्स आ गए हैं। इस बारे में स्वस्ति बताती हैं कि अभी तो उन्हें रिसोर्ट बिज़नेस से सम्बंधित व्यक्तियों के ऑर्डर्स ज्यादा मिले हैं।

 

स्वस्ति ने यह भी कहा कि सुनामी आने के बाद ज्यादातर घर टूट जाते हैं और ऐसे समय में उन्हें सरकार द्वारा पैसों की सहायता भी प्राप्त होती है। यदि सरकार वहाँ के लोगों को FRP से बने इस तरह के घर प्रदान करे, तो उनके लिए ज्यादा बेहतर रहेगा, क्योंकि ये घर बार-बार टूटते नहीं हैं। अब वे उम्मीद करती हैं कि आने वाले समय में स्वस्ति के ये घर ज्यादा से ज्यादा जरुरतमंदो तक पहुँच पाएंगे।

यदि आपको इस प्रकार के घर (Swasti Patnaik low-budget portable homes) से जुड़ी कोई भी जानकारी की आवश्यकता हो तो आप काजल पटनायक को 94390 62541 पर कॉन्टेक्ट कर सकते हैं।