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दो बार की Champion team Uruguay Pre-quarterfinals of the World Cup में नहीं पहुंच पाई है। उसने अपने अंतिम ग्रुप मैच में घाना को 2-0 से हरा दिया, लेकिन इतना उसके लिए काफी नहीं था। ग्रुप के अन्य मैच में South Korea ने उलटफेर करते हुए Portugal को 2-1 से हरा दिया। कोरिया की टीम ने नॉकआउट में अपनी जगह बना ली।

उरुग्वे की टीम 20 साल में पहली बार टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के बाद नॉकआउट में नहीं पहुंचा है। पिछली बार 2002 में वह ग्रुप दौर में बाहर हुआ था। 2006 में वह विश्व कप के लिए क्वालीफाई ही नहीं कर पाया था। उसके बाद 2010 में चौथे स्थान पर रहा था। 2014 में प्री-क्वार्टर फाइनल में बाहर हुआ था और 2018 में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचा था।

14th World Cup खेल रही उरुग्वे की टीम चौथी बार ग्रुप चरण से बाहर हुई है। इससे पहले 1962, 1974 और 2002 में भी उरुग्वे नॉकआउट में नहीं पहुंच पाया था। ग्रुप एच में एक जीत, एक ड्रॉ और एक के साथ चार अंक लेकर उरुग्वे की टीम तीसरे नंबर पर रही।

उरुग्वे की विश्वकप में घाना के ऊपर यह लगातार दूसरी जीत है। इससे पहले 2010 में क्वार्टर फाइनल मुकाबले में पेनाल्टी शूटआउट में 4-2 से हराया था।

पेनाल्टी के साथ ही मैच से चूका घाना

Al Zainab Stadium खेले गए मुकाबले में यदि घाना की टीम जीत जाती, तो छह अंक के साथ दूसरे नंबर पर रहकर नॉकआउट में पहुंच जाती। उरुग्वे के खिलाड़ी डार्विन नुनेज के गलती करने पर उनको पीला कार्ड दिखाया गया।

वार ने 19वें मिनट में घाना को पेनाल्टी अवॉर्ड की। आंद्रे अयेव के शॉट को गोलकीपर रोचेट ने बचा लिया। यदि घाना यह पेनाल्टी न चूकता तो उसके पास बढ़ता का अवसर रहता। इसके बाद 26वें और 32वें मिनट में अरास्केटा ने गोल दागकर उरुग्वे को जीत दिला दी।

अर्रास्केटा का करिश्मा नहीं आया काम

georgian de arrasqueta world cup के पहले ही हॉफ में दो गोल करने वाले अपने देश के तीसरे खिलाड़ी बने हैं। इससे पहले 1930 में पेरेग्रीनो अनसेल्मो ने यूगोस्लाविया और ऑस्कर मिगुएज ने 1950 में बोलिविया के खिलाफ पहले ही हाॅफ में दो गोल दागे थे।

संयोग से दोनों ही बार उरुग्वे चैंपियन बना था। हालांकि, अर्रास्केटा के पहले ही हॉफ में दो गोल करने का करिश्मा इस बार उनकी टीम के काम नहीं आ सका।


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