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स्‍वतंत्रता दिवस के लिए नियमों में बदलाव, अब दिन-रात फहरा सकते हैं तिरंगा

सरकार ने स्‍वतंत्रता दिवस से पहले ‘हर घर तिरंगा’ समारोह को लेकर नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब आप अपने घर पर दिन-रात तिरंगा फहरा सकते हैं। अब तक नागरिकों को सूर्योदय से सूर्यास्त तक झंडा फहराने की अनुमति थी।

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने 20 जुलाई को सभी सचिवों पत्र लिखकर इस नए नियम के बारे में जानकारी दी है, जो सेम डे से लागू होगी। पत्र में कहा गया है कि भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में और संशोधन किया गया है। ”जहां झंडा खुले में फहराया जाता है या किसी भी नागरिक के घर पर फहराया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकेगा।” वहीं पहले यह नियम था कि किसी भी मौसम में झंडे को जहां फहराया जाता था, उसे सूर्योदय से सूर्यास्‍त तक ही फहराया जाना चाहिए।

गृह सचिव ने पत्र में यह भी कहा कि इस नियम का उद्देश्‍य नागरिकों को स्‍वतंत्रता दिवस को लेकर ‘हर घर तिरंगा’ समारोह के हिस्से के रूप में अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित करना है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा था कि “इस वर्ष, जब हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो आइए हम हर घर तिरंगा आंदोलन को मजबूत करें। 13 से 15 अगस्त के बीच तिरंगा फहराएं। यह आंदोलन राष्ट्रीय ध्वज के साथ हमारे जुड़ाव को गहरा करेगा। सरकार को उम्मीद है कि 13 अगस्त को करीब 30 करोड़ घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा।

वहीं इससे पहले 2009 में, उद्योगपति नवीन जिंदल की ओर से सरकार को एक प्रतिनिधित्व दिए जाने के बाद, सरकार ने अनुमति दी थी कि तिरंगा विभिन्न स्थानों पर दिन-रात यदि यह बड़ा झंडे है तो फहराया जा सकता है। हालाकि हालिया कदम से सामान्य नागरिक दिन-रात अपने घरों में तिरंगा फहरा सकते हैं।

भारतीय ध्वज संहिता, 2002, को पहले 30 दिसंबर, 2021 के आदेश पर संशोधित किया गया था और पॉलिएस्टर या मशीन से बने ध्वज से बने राष्ट्रीय ध्वज को अनुमति दी गई। अब राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काते और हाथ से बुने हुए या मशीन से बने कपास, पॉलिएस्टर, ऊन, रेशम व खादी बंटिंग से बना होगा। पत्र में कहा गया है कि “तिरंगा को क्षतिग्रस्‍त हालत में नहीं फहराया जाना चाहिए, उसे सम्‍मान के साथ और तिरंगा फहराने के सभी नियमों के साथ फहराया जाना चाहिए। ”