उत्तर प्रदेश में कुछ दिनों से लगातार राशन कार्ड सरेंडर करने को लेकर हाहाकार मचा है. दरअसल, योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपात्र राशन कार्ड धारकों को राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए कहा है. लेकिन लोगों में इसको लेकर भ्रांतिया भी फैल रही है.
राशन सरेंडर करने के लिए लंबी कतारें लग रही है. खबरों में दावा किया जा रहा है कि राशन कार्ड सरेंडर नहीं करने वाले लाभार्थियों से राशन की वसूली की जाएगी और उनकी खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. हालांकि सरकार न इस पर अपना पक्ष साफ कर दिया है.
सरकार ने नहीं किया आदेश जारी!
उत्तर प्रदेश सरकार ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है कि राशन कार्ड को सरेंडर (Ration Card Surrender) करने या रद्द करने पर किसी तरह का नया आदेश जारी नहीं किया गया है. खाद्य आयुक्त का कहना है कि राशन कार्ड (Ration Card) के सरेंडर या रिकवरी से जुड़ा कोई नया आदेश नहीं जारी किया गया. ऐसे में, लोगों को इस पर पैनिक होने की जरूरत नहीं है.
राशन कार्ड वेरिफिकेशन
राज्य के खाद्य आयुक्त का कहना है कि राशन कार्ड वेरिफिकेशन (Ration Card Verification) सामान्य प्रक्रिया है. यह प्रक्रिया सरकार की तरफ से समय-समय पर की जाती है. राशन कार्ड के सरेंडर और पात्रता को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.
अपात्र राशन कार्ड धारक कौन?
खाद्य आयुक्त ने बताया कि घरेलू राशन कार्डों की ‘पात्रता / अपात्रता मानदंड 2014’ में ही तय किया गया था, इके बाद इसमें अभी कोई बदलाव नहीं किया गया है. किसी भी राशन कार्ड धारक को (Ration Card Holder) पक्का घर होने, बिजली कनेक्शन या एकमात्र हथियार लाइसेंस धारक या मोटर साइकिल मालिक होने और मुर्गी पालन / गाय पालन में लगे होने के आधार पर अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता है. यह सब बस एक अफवाह है.
रिकवरी पर कोई चर्चा नहीं
खाद्य आयुक्त ने साफ-साफ कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 (National Food Security Act-2013) और अन्य प्रचलित शासनादेशों के अनुसार अपात्र कार्डधारकों से वसूली का किसी तरह का प्रावधान नहीं है. ऐसे में लोगों को इस बात से घबराने की जरूरत नहीं है कि अपात्र लाभार्थियों से राशन की वसूली की जाएगी.
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