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CM योगी का पुलिस को आदेश, यूपी का माहौल नहीं बिगड़ना चाहिए, शरारती लोगों पर नज़र रखी जाए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के विभिन्न हिस्सों में सामने आ चुकीं सामुदायिक टकराव की घटनाओं को देखते हुए पुलिस-प्रशासन को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने तीन मई को अक्षय तृतीया और ईद पर्व एक ही दिन होने के कारण कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है। साथ ही अजान और हनुमान चालीसा माइक पर पढ़ने को लेकर शुरू हुए नए विवाद में उन्होंने दो टूक कहा है कि धार्मिक आजादी सबको है, लेकिन माइक की आवाज परिसर के बाहर नहीं जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोमवार को प्रदेशभर के पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण पर्व-त्योहार हैं। रमजान का महीना चल रहा है। ईद का त्योहार और अक्षय तृतीया एक ही दिन होना संभावित है। वर्तमान परिवेश को देखते हुए पुलिस को अतिरिक्त संवेदनशील रहना होगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन दिनों कई स्थानों पर अजान और हनुमान चालीसा के लिए माइक लगाए जाने के विवाद सामने आ रहे हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने ने स्पष्ट कर दिया कि धार्मिक विचारधारा के अनुसार सभी को अपनी उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है। माइक का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि माइक की आवाज उस परिसर से बाहर न आए। अन्य लोगों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। वहीं, नए स्थलों पर माइक लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इसके अलावा हनुमान जयंती पर कई राज्यों में शोभायात्रा के दौरान अशांति फैली, सामुदायिक हिंसा की घटनाएं सामने आईं। इसे देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोई शोभायात्रा या धार्मिक जुलूस बिना विधिवत अनुमति के न निकाला जाए। अनुमति देने से पहले आयोजक से शांति-सौहार्द कायम रखने के संबंध में शपथ पत्र ले लें। अनुमति केवल उन्हीं धार्मिक जुलूसों को दी जाए, जो पारंपरिक हों, नए आयोजनों को अनावश्यक अनुमति न दी जाए।

सीएम योगी ने कहा है कि हर एक पर्व शांति और सौहार्द के साथ मने, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। शरारतपूर्ण बयान जारी करने व माहौल खराब करने की कोशिश करने वालों के साथ कड़ाई से पेश आएं। उन्होंने निर्देश दिया कि धार्मिक कार्यक्रम, पूजा-पाठ आदि निर्धारित स्थान पर ही हों।