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PM उम्मीदवार पर बोले तेजस्वी, विपक्ष के इस नेता को बताया दावेदार

2024 में होने वाले आम चुनावों को लेकर सियासी गलियारों में अभी से हलचल देखने को मिल रही है. कल शनिवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विपक्ष के प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर तीन नाम गिनाए थे. उन्होंने ममता बनर्जी, केसी राव और शरद पवार को मजबूर पीएम उम्मीदवार बताया था. अब बिहार के डिप्टी सीएम ने भी विपक्ष के पीएम उम्मीदवार को लेकर अपनी पसंद जाहिर की है. राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि यदि विपक्ष विचार करता है, तो नीतीश कुमार एक मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं.

‘विपक्षी एकता के लिए शुभ संकेत’

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता ने कहा कि जद (यू), राजद, कांग्रेस और अन्य दलों के एकजुट होने से महागठबंधन सरकार का सत्ता में आना विपक्षी एकता के लिए शुभ संकेत है. यह संकेत देता है कि अधिकांश विपक्षी दल देश के सामने बड़ी चुनौती, भाजपा के आधिपत्य को पहचानते हैं, जहां पैसे, मीडिया और (प्रशासनिक) मशीनरी शक्ति के बल पर, वे भारत से सभी विविधता को खत्म करने के लिए दृढ़ हैं. समाज के साथ-साथ राजनीतिक स्पेक्ट्रम से भी.

हमें केंद्र से कुछ मिला है?

तेजस्वी यादव ने कहा कि यह राज्यों के स्तर पर क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और सामाजिक न्याय और विकास के मुद्दों का भी सवाल है. सहकारी संघवाद की उनकी सभी बातों के लिए, भाजपा की कोशिश लगातार क्षेत्रीय असमानताओं को नजरअंदाज करने की रही है. बिहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता है. लेकिन क्या हमें केंद्र से कुछ मिला है … बिल्कुल नहीं.

नीतीश कुमार को लेकर क्या बोले तेजस्वी?

उन्होंने जोर देकर कहा कि क्षेत्रीय दलों और अन्य प्रगतिशील राजनीतिक समूहों को अपने संकीर्ण लाभ और हानि से परे देखना होगा और गणतंत्र को बचाना होगा. यह पूछे जाने पर कि क्या नीतीश कुमार 2024 के चुनावों के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए सबसे उपयुक्त हैं और क्या वह विपक्ष के उम्मीदवार हो सकते हैं? इसके जवाब में तेजस्वी ने कहा, ‘मैं यह सवाल माननीय नीतीश जी पर छोड़ता हूं. मैं पूरे विपक्ष की ओर से बोलने का दावा नहीं कर सकता, हालांकि माना जाए तो आदरणीय नीतीश जी निश्चित रूप से एक मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं.’

तेजस्वी ने की नीतीश की तारीफ

तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से वह (नीतीश कुमार) एक सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता रहे हैं, उन्होंने जेपी और आरक्षण आंदोलनों में भाग लिया है. उनके (नीतीश कुमार) पास 37 साल से अधिक का विशाल संसदीय और प्रशासनिक अनुभव है और उन्हें जमीनी स्तर पर और साथ ही अपने साथियों के बीच अपार सद्भावना मिली हुई है.