Surya Grahan 2022
Surya Grahan 2022

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) 25 अक्टूबर को दोपहर के वक्त लगने वाला है। सूर्य ग्रहण का आरम्भ दोपहर 02 बजकर 28 मिनट पर होगा और समापन सूर्यास्त के साथ होगा। यह ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में होगा। यह आंशिक सूर्यग्रहण है, जो भारत में दर्शनीय होगा।

इस ग्रहण (Surya Grahan 2022) में सूतक भी मान्य होगा और उसके नियमों का पालन भी करना होगा। ग्रहण का सूतक काल दिवाली की रात करीब ढाई बजे से लग गया है।

भारत में कितने बजे शुरू होगा सूर्य ग्रहण ?

  • सूर्य ग्रहण की तिथि: 25 अक्टूबर 2022
  • सूर्य ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार) : 16:22 से 17:42 तक
  • सूर्य ग्रहण की समय अवधि: 1 घंटे 19 मिनट

मेष, मिथुन, कन्या, तुला, कुंभ और मीन राशि वालों पर इस ग्रहण का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण सभी राशियों पर कैसा असर डालेगा।

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सूर्य ग्रहण का आपकी राशि पर असर (Surya Grahan 2022 Zodiac Sign)

मेष राशि- वैवाहिक जीवन में समस्या हो सकती है। कारोबार और व्यापार में विशेष सावधानी रखें। श्री विष्णु की उपासना करें, पीली चीज़ों का दान करें

वृष राशि- करियर और धन के मामले में सफलता मिलेगी। रुके हुए काम पूरे होते जाएंगे। महादेव की उपासना करें। गुड़ का दान करें।

मिथुन राशि- संतान को लेकर समस्याएं हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषकर, पेट और मधुमेह का ध्यान रखें। श्री कृष्ण की उपासना करें। काली वस्तुओं का दान करें।

कर्क राशि- इस समय करियर और निवास में परिवर्तन हो सकता है। माता और स्त्री पक्ष को कष्ट के संकेत हैं। महादेव की उपासना करें, सफेद वस्तुओं का दान करें।

सिंह राशि- स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति में सुधार होगा। रुकावट दूर होगी, सफलता मिलती जाएगी। सूर्य मंत्र का जप करें,काली वस्तुओं का दान करें।

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कन्या राशि- आर्थिक और पारिवारिक समस्याएं परेशान कर सकती हैं। वाहन सावधानी से चलाएं। चोट चपेट से बचाव करें। शिव जी की उपासना करें,अन्न का दान करें।

तुला राशि- पारिवारिक समस्या और मुकदमेबाजी से परेशानी हो सकती है। दुर्घटनाओं और शल्य चिकित्सा जैसी स्थिति आ सकती है। श्री राम की उपासना करें, लाल फल का दान करें।

वृश्चिक राशि- करियर में बाधा और प्रतिकूल परिवर्तन हो सकता है। इस समय रिश्तों और संबंधों का ध्यान रखें। शिव जी की उपासना करें,अन्न का दान करें।

धनु राशि- करियर और जीवन में मनचाही सफलता मिलेगी। शत्रु और विरोधी परास्त होंगे, बुजुर्गों का ध्यान रखें। श्री विष्णु की उपासना करें,पीले फल का दान करें।

मकर राशि- करियर में बड़ी सफलता और परिवर्तन का समय है। परिश्रम से रुके हुए काम बन जाएंगे। हनुमान जी की उपासना करें। तांबे के पात्रों का दान करें।

कुंभ राशि- स्वास्थ्य का विशेषकर मधुमेह और या पेट से जुड़े विकार का ध्यान रखें। धन के खर्चों से परेशानी बढ़ सकती है। श्री कृष्ण की उपासना करें। वस्त्रों का दान करें।

मीन राशि- वैवाहिक जीवन में समस्या हो सकती है। दुर्घटनाओं और वाद विवाद से सावधान रहें। श्री विष्णु की उपासना करें। अन्न-जल का दान करें।

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दशकों बाद बना ग्रहण का दुर्लभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हुए दिवाली का त्योहार मनाया जाता है और अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लेकिन इस बार दिवाली के फौरन बाद ही आंशिक सूर्यग्रहण लगेगा। कई वर्षों बाद दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा न होकर एक दिन का अंतर है। दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच सूर्य ग्रहण का ऐसा संयोग कई वर्षो बाद पड़ रहा है।

एक गणना के अनुसार पिछले 1300 वर्षों बाद सूर्य ग्रहण दो प्रमुख त्योहार के बीच पड़ने के साथ बुध, गुरु, शुक्र और शनि सभी अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे। साल का यह आखिरी आंशिक सूर्यग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में सूर्यग्रहण दिखाई देने से इसका सूतक काल मान्य होगा। जिसके कारण ग्रहण से संबंधित धार्मिक मान्यताएं का पालन किया जाएगा। जाएगी।

ग्रहण में क्या करें और क्या न करें?

जब भी कोई ग्रहण लगता है उसके पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है। सूर्यग्रहण (Surya Grahan 2022) होने पर 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण लगने पर 5 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल को अशुभ माना गया है इसलिए सूतक लगने पर पूजा-पाठ,धार्मिक अनुष्ठान और शुभ काम नहीं किए जाते हैं। मंदिर के पट बंद दो जाते हैं। ग्रहण में न तो खाना पकाया जाता है और न ही खाना खाया जाता है। ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप और ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान और दान किया जाता है। ग्रहण की समाप्ति होने पर पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव किया जाता है।

क्या न करें

  • ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी-देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान न ही भोजन पकाना चाहिए और न ही कुछ खाना-पीना चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों नहीं छूना चाहिए।

क्या करें

  • ग्रहण शुरू होने से पहले यानी सूतक काल प्रभावी होने पर पहले से ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को डालकर रखना चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान इसके असर को कम करने के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए।
  • ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।

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