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उत्तर प्रदेश सरकार ने धर्मस्थलों में तय मानकों का उल्लंघन करते हुए बजाए जाने वाले अवैध लाउडस्पीकरों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। इन्हें हटवाने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे धर्मस्थलों की थानावार सूची बनाने को भी कहा गया है, जहां ध्वनि सीमा के मानकों का पालन नहीं हो रहा है। इस बीच एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि 125 लाउडस्पीकर उतरवा लिए हैं और लोगों ने लगभग 17 हजार स्पीकर की आवाज स्वेच्छा से कम की है। उन्होंने कहा कि अलविदा की नमाज के लिए संवेदनशील जनपदों में विशेष प्रबंध किए गए हैं:

30 अप्रैल तक देनी होगी रिपोर्ट
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने सोमवार को इस संबंध में शासनादेश जारी किया। इसमें धर्मस्थलों में नियमों के पालन की साप्ताहिक समीक्षा जिला स्तर पर करने और पहली अनुपालन रिपोर्ट 30 अप्रैल तक शासन को भेजने को कहा गया है। जिलों की रिपोर्ट मंडलायुक्तों के माध्यम से और कमिश्नरेट की रिपोर्ट पुलिस आयुक्त के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी।

धर्मगुरुओं से संवाद कर हटेंगे अवैध लाउडस्पीकर
शासनादेश में कहा गया है कि धर्मगुरुओं से संवाद व समन्वय के आधार पर अवैध लाउडस्पीकरों को हटवाया जाए और निर्धारित डेसिबल का पालन कराया जाए। कई जिलों में इसका पालन हुआ है, लेकिन कुछ जिलों में इसका कड़ाई से पालन कराए जाने की जरूरत है।

प्रयागराज और जौनपुर में हटाए गए लाउडस्पीकर
प्रयागराज और जौनपुर जिलों में तेज आवाज में बज रहे लाउडस्पीकर हटाने या उनकी आवाज धीमी करने का काम शुरू हो गया है। जौनपुर में मस्जिदों और मंदिरों से कहीं लाउडस्पीकर उतारा गया तो कहीं माइक की आवाज धीमी कर दी गई। अपर पुलिस अधीक्षक नगर डा. संजय कुमार ने बताया कि सभी धर्म गुरुओं से मुख्यालय व थानों पर बैठक करते हुए वार्ता की गई। जिले में दो दिन में 23 लाउडस्पीकर उतारे गए हैं। प्रयागराज में भी की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक चौक जामा मस्जिद से अमन भरा पैगाम देते हुए अजान की आवाज धीमी कर दी गई है। जामा मस्जिद के गुंबद और छतों पर लगे छह में से चार लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं।

हर क्षेत्र के लिए तय हैं मानक
शासनादेश में कहा गया है कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों के लिए ध्वनि मानक औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय या शांत क्षेत्रों को वर्गीकृत करते हुए पहले से तय हैं। इन मानकों का पालन कराने की कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट शासन के साथ-साथ उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी भेजी जाए।

तेज डीजे बजाने वालों की भी खैर नहीं
वाणिज्यिक व आवासीय क्षेत्रों में संचालित होटल-बार तथा शादी-विवाह के आयोजनों में तेज आवाज में डीजे बजाने वालों की भी खैर नहीं होगी। इस शासनादेश के बाद सभी क्षेत्रों के लिए ध्वनि तीव्रता के तय मानकों का पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। ये मानक हालांकि पहले से तय हैं लेकिन पुलिस इसका पालन कराने के प्रति लापरवाह बनी रहती है। वाणिज्यिक व आवासीय क्षेत्रों में संचालित होटल, रेस्टोरेंट व बार पुलिस का संरक्षण हासिल कर मनमाने ढंग से देर रात तक डीजे बजाते हैं।


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