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महिलाओं के लिए Polling booth नहीं बना तो पूरे गांव ने किया Voting का बहिष्कार, घूंघट प्रथा का है चलन

Gujarat के Jamnagar में स्थित Jamjodhpur Taluka के एक गांव में Election Commission ने महिलाओं के लिए अलग polling booth नहीं बनाया तो सारे गांव ने ही voting का बहिष्कार कर दिया।

Collector की तमाम कोशिशों के बाद भी गांव वाले नहीं माने। गांव में 21 सौ मतदाता हैं। लेकिन कोई भी अपना वोट डालने नहीं पहुंचा। गांव वालों का कहना है कि उनके यहां प्रथा है कि महिलाएं सार्वजनिक जगहों पर पुरुषों के साथ नहीं दिखाई देतीं।

ये दिलचस्प किस्सा दारफा गांव का है। यहां 12 सौ पुरुष वोटर हैं जबकि 9 सौ महिलाएं। निर्वाचन आयोग ने गांव के दो स्कूलों में मतदान केंद्र स्थापित किए थे। गांव के लोगों का कहना है कि आजादी के बाद से ही उनके गांव में महिलाओं के लिए अलग पोलिंग बूथ बनाया जाता रहा है।

लेकिन इस बार प्रशासन ने महिला व पुरुषों के लिए general polling booth बना दिया। गांव वालों का कहना है कि उनके यहां ojal pratha है। इसके तहत महिलाएं अपने चेहरे को ढककर रखती हैं और पुरुषों के साथ सार्वजनिक जगहों पर घुलती मिलती नहीं हैं।

उनका कहना है कि men and women के लिए एक ही बूथ बनाने के फैसले का जब पता लगा तो गांव में पंचायत हुई और फैसला लिया गया कि इस बार कोई भी वोट डालने नहीं जाएगा।

दारफा गांव के बाशिंदों में बृजराज सिंह जड़ेजा भी शामिल हैं। वो पहले कांग्रेस में थे। लेकिन अब बीजेपी के झंडे तले राजनीति करते हैं। उनका कहना है कि 25 नवंबर को हुई मीटिंग के बाद वोटिंग के बहिष्कार का फैसला लिया गया था।

कलेक्टर सौरभ पारधी को जब सारे मामले का पता चला तो उन्होंने अपने अमले को गांव में भेजा। लेकिन उनकी लाख कोशिशों के बावजूद एक भी मतदाता अपना वोट डालने नहीं पहुंचा।

गांव के सरपंच धर्मेंद्र सिंद जड़ेजा का कहना है कि उन्हें एक शिक्षक के जरिये पता चला कि महिलाओं के लिए इस बार अलग बूथ नहीं बनने जा रहा। उन्होंने कुछ अफसरों से संपर्क करके उन्हें समझाने की कोशिश की। एक ज्ञापन देकर भी प्रशासन को अपनी भावनाओं से अवगत कराया गया। लेकिन जब उनके कानों पर जूं नहीं रेंगी तो हमने फैसला लिया कि इस बार कोई भी पोलिंग बूथ में जाकर अपना वोट नहीं डालेगा।

BJP leader Brijraj Singh का कहना है कि उन्होंने इस बारे में अपने नेतृत्व से भी संपर्क किया था। लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। उनका कहना है कि प्रशासन महिलाओं के लिए अलग बूथ बनाकर मतदान कराने की व्यवस्था करता है तो वो आज भी मतदान के लिए तैयार हैं।