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मोदी सरकार का बड़ा एक्शन, PFI पर लगाया 5 साल का बैन… घोषित किया गैरकानूनी संस्था

Ban on PFI: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI), उसके सहयोगियों और तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। केंद्र ने इन सभी पर 5 साल का बैन (5 Year Ban on PFI) लगाया है। केंद्र सरकार ने इसे आधिकारिक गजट में भी प्रकाशित किया है।

पीएफआई को बैन (Ban on PFI) करने की तैयारी पहले ही शुरू हो गई थी, जिसके बाद गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने यह आदेश जारी कर दिया। मंगलवार को भी पीएफआई पर केंद्र सरकार का एक्शन जारी रहा। देश के छह राज्यों में पीएफआई के विभिन्न ठिकानों पर की गई कार्रवाई में उसके 90 से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है।

2006 में हुई थी स्थापना

पीएफआई (Ban on PFI) की स्थापना 2006 में केरल में की गई थी और वह भारत में हाशिये पर पड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का दावा करता है। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि पीएफआई कट्टर इस्लाम का प्रचार कर रहा है। इस संगठन की स्थापना केरल में की गई थी और इसका मुख्यालय दिल्ली में है।

5 दिन पहले भी हुआ था एक्शन

कट्टर इस्लाम का प्रसार करने के आरोपों का सामना कर रहे पीएफआई (Ban on PFI) के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई पांच दिन पहले भी की गई थी। छापेमारी की कार्रवाई कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश की राज्य पुलिस ने की। NIA की अगुआई में विभिन्न एजेंसियों की टीमों ने 22 सितंबर को देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में पीएफआई के खिलाफ 15 राज्यों में छापेमारी की थी और उसके 106 नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। एनआईए, पीएफआई से जुड़े 19 मामलों की जांच कर रही है।

कई राज्यों में ताबड़तोड़ एक्शन

संबंधित राज्यों की पुलिस ने अपने-अपने इलाकों में मंगलवार को छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने असम में 25, महाराष्ट्र में चार और दिल्ली में 30 लोगों को हिरासत में लिया है। मध्यप्रदेश में 21, गुजरात में 10 लोगों को और कर्नाटक में भी कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। असम के अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न जिलों से पीएफआई के 25 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।