Deepotsav 2022 Ayodhya 1
Deepotsav 2022 Ayodhya 1

Diwali 2022: अद्भुत, अलौकिक, दिव्य…और कभी न भूलने वाला दृश्य। अयोध्या में दिवाली (Deepotsav 2022 Ayodhya) पर पहली बार 15 लाख 76 हजार दीपों को जलाने का रिकॉर्ड बना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) इसके साक्षी बने। वो करीब 4 घंटे तक यहां रहे। अयोध्या पहुंचे PM ने सबसे पहले रामलला के दर्शन किए। आरती उतारी। परिक्रमा की और पहला दीप जलाकर दीपोत्सव का शुभारंभ किया।

इसके बाद PM मोदी (PM Modi) रामकथा पार्क पहुंचे। वहां राम का तिलक लगाकर राज्याभिषेक किया। यहां से PM सरयू किनारे राम की पैड़ी (Deepotsav 2022 Ayodhya) पहुंचे। सरयू पूजा करके आरती में शामिल हुए, फिर 26 मिनट तक लेजर शो के माध्यम से रामायण कथा का मंचन देखा। डिजिटल आतिशबाजी का नजारा भी देखा।

प्रधानमंत्री (PM Modi) ने 15 और 20 मिनट के दो भाषण भी अयोध्या (Deepotsav 2022 Ayodhya) में दिए। पहला, रामकथा पार्क में। दूसरा, सरयू किनारे। इसमें उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम राम पर अपनी बात रखी। कहा-एक वक्त था जब श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाए जाते थे। इसका नतीजा यह हुआ कि हमारे देश के धार्मिक स्थलों का विकास पीछे छूट गया। पिछले आठ साल में हमने धार्मिक स्थानों के विकास के काम को आगे रखा है।

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सबसे पहले पढ़िए…पीएम के भाषण की 5 बड़ी बातें…

1. राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए जाते थे

PM ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “एक समय था जब राम का नाम लेने से भी बचा जाता था, राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए जाते थे। उसका परिणाम क्या हुआ। हमारे धार्मिक, सांस्कृतिक स्थान पीछे छूटते चले गए। हम यहीं अयोध्या के रामघाट पर आते थे तो दुर्दशा देखकर मन दुखी हो जाता था। काशी की तंगहाली, गंदगी परेशान कर देती थीं। जिन स्थानों को हम अस्तित्व का प्रतीक मानते थे, जब वही बदहाल थे तो देश के उत्थान का मनोबल अपने आप टूट जाता था। बीते 8 सालों में देश ने हीन भावना की बेड़ियों को तोड़ा है। हमने भारत के तीर्थों के विकास की समग्र नीति को सामने रखा है।”

2. जय श्रीराम से शुरुआत, सियावर रामचंद्र की जय से खत्म

PM ने अपने भाषण की शुरुआत जय श्रीराम से की। समापन सियावर रामचंद्र की जय से किया। उन्होंने कहा, ‘’राम के दर्शन और राज्याभिषेक भगवान राम की कृपा से मिलता है। जब राम का अभिषेक होता है तो हमारे भीतर भगवान राम के आदर्श और मूल्य और भी दृढ़ हो जाते हैं। राम के अभिषेक के साथ ही उनका दिखाया पथ और प्रदीप्त हो उठता है। अयोध्या (Deepotsav 2022 Ayodhya) के तो रज-रज में कण-कण में उनका दर्शन समाहित है। आज अयोध्या की रामलीलाओं के माध्यम से, सरयू आरती के माध्यम से, दीपोत्सव के माध्यम से और रामायण पर शोध और अनुसंधान के माध्यम से ये दर्शन पूरे संसार में प्रसारित हो रहा है।’’

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3. मां और मातृभूमि से बढ़कर कुछ नहीं

​मोदी ने कहा, “आजादी के अमृतकाल में देश ने अपनी विरासत पर गर्व और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति का आह्वान किया। ये प्रेरणा भी हमें प्रभु राम से मिलती है। उन्होंने कहा था ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ यानि वो स्वर्णमयी लंका के सामने भी हीन भावना में नहीं आए, बल्कि उन्होंने कहा कि मां और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। इसी आत्मविश्वास के साथ जब वो अयोध्या लौटकर आते हैं तो अयोध्या की तुलना स्वर्ग से की गई है। इसलिए जब राष्ट्र निर्माण का संकल्प होता है, नागरिकों में सेवा भाव होता है तभी राष्ट्र असीम ऊंचाइयों को छूता है।”

4. राम के संकल्प देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे

पीएम ने आगे कहा, ‘’भगवान राम ने अपने वचन में, अपने विचारों में, अपने शासन में, अपने प्रशासन में जिन मूल्यों को गढ़ा वो सबका साथ और सबका विकास की प्रेरणा है। सबका विश्वास और सबका प्रयास का आधार भी है। अगले 25 सालों में विकसित भारत की आकांक्षा लिए आगे बढ़ रहे हिंदुस्तानियों के लिए श्रीराम के आदर्श उस प्रकाश स्तंभ की तरह हैं जो हमें कठिन से कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का हौसला देंगे। दीपावली के दीपक हमारे लिए केवल एक वस्तु नहीं है। ये भारत के आदर्शों, मूल्यों और दर्शन के जीवंत ऊर्जापुंज हैं।’’

5. राम किसी को पीछे नहीं छोड़ते…

PM ने कहा, “राम किसी को पीछे नहीं छोड़ते। राम कर्तव्य-भावना से मुख नहीं मोड़ते। इसलिए, राम, भारत की भावना के प्रतीक हैं। राम से जितना सीख सकें उतना सीखना है। भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं। मर्यादा मान रखना भी सिखाती है और मान देना भी सिखाती है। विजय हमेशा रामरूपी सदाचार की होती है। रावण रूपी दुराचार की विजय नहीं होती है। मध्यकाल और आधुनिककाल तक भारत ने कितने अंधकार भरे युगों का सामना किया है। जिन झंझावातों में बड़ी-बड़ी सभ्यताओं के सूर्य अस्त हो गए, उनमें हमारे दीपक जलते रहे, प्रकाश देते रहे और फिर उन तूफानों को शांत कर उद्दीप्त हो उठे।”

योगी बोले- कुछ लोगों ने अयोध्या को वीरान बना दिया था

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास के उपरांत जिस उत्साह और उमंग के साथ अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत किया था। आज वह पर्व दीपावली के रूप में नजर आ रहा है। उन्होंने कहा, ‘’कभी कुत्सित राजनीति के लिए कुछ लोगों ने अयोध्या को वीरान बना दिया था, मगर जिस नगरी को स्वयं प्रभु श्रीराम ने ‘सुहावनी’ बताया हो, वो लंबे समय तक भला वीरान कैसे रह सकती है। आज रामराज्य के संकल्प के महा उत्सव के रूप में दीपोत्सव मनाया जा रहा है।’’

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मुख्यमंत्री ने लिया प्रमाण पत्र, प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं

अयोध्या में राम की पैड़ी पर 15.76 लाख दीप जलाए (Deepotsav 2022 Ayodhya) गए। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड की ओर से इसका प्रमाण पत्र सौंपा गया। मुख्यमंत्री ने इस सर्टिफिकेट को मंच पर अपने हाथों से उठाकर समूची अयोध्या का अभिवादन किया। दूसरे कार्यकाल के पहले दीपोत्सव में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसके साक्षी बने। उन्होंने इस अविस्मरणीय, अद्भुत उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हृदय से शुभकामनाएं दीं।

2017 में जले थे 1.71 लाख दीप, हर वर्ष बढ़ती गई समृद्धि

2017 में अयोध्या में 1.71 लाख, 2018 में 3.01 लाख, 2019 में 4.04 लाख, 2020 में 6.06 लाख व 2021 में 9.41 लाख दीप प्रज्ज्वलित (Deepotsav 2022 Ayodhya) किए गए थे। इस बार (2022) 15.76 लाख दीपों का रिकॉर्ड बना। योगी सरकार में हर वर्ष बढ़ते दीपों के साथ प्रदेश व देश की समृद्धि बढ़ती गई।

दीपोत्सव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या से लखनऊ के लिए रवाना हो गए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें विदा किया। सीएम योगी रात में अयोध्या धाम के यात्री निवास प्रवास करेंगे। कल यानि सोमवार की सुबह वह राम लला हनुमानगढ़ी के दर्शन पूजन के बाद गोरखपुर के लिए होंगे रवाना।

पिछले साल अयोध्या में 12 लाख दीये जलाए गए थे

पिछले साल अयोध्या में 12 लाख दीये (Deepotsav 2022 Ayodhya) जलाए गए थे। तब राम की पैड़ी पर 9 लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में 3 लाख दीपक जलाए गए थे। दीपोत्सव पर इस बार पिछली बार से 5 लाख दीप ज्यादा जले है।


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