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कंगाली की दहलीज पर खड़े पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ से लगातार फंड हासिल करने के लिए तेल के दाम गुरुवार को 20 प्रतिशत तक बढ़ा दिए. शुक्रवार से बढ़ी हुई कीमतें लागू हो जाएंगी. पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को जो 6 बिलियन डॉलर का पैकेज मिल रहा था, उसे दोबारा शुरू करने के लिए यह कदम उठाया गया है.

आईएमएफ और पाक सरकार में हुई थी डील
साल 2019 में पाकिस्तानी सरकार ने आईएमएफ से इस पैकेज के लिए डील की थी. इस फैसले से पाई-पाई को मोहताज पाकिस्तानी सरकार को तो राहत मिलेगी लेकिन नागरिकों की कमर टूटनी तय है. पाकिस्तान में अब एक लीटर पेट्रोल की नई कीमत 179.86 पाक रुपये तक पहुंच गई है जबकि डीजल के दाम 174.15 पाकिस्तानी रुपये है.

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मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने ट्विटर पर नई कीमतों का ऐलान किया. पाकिस्तान में यह खबर आग की तरह फैल गई और पेट्रोल पंपों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गईं. माना जा रहा है कि आईएमएफ और पाकिस्तान सरकार गुरुवार को किसी समझौते पर पहुंचे हैं. रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में विभिन्न सूत्रों के हवाले से कहा कि डील के तहत आईएमएफ 900 मिलियन डॉलर का फंड पाकिस्तान को उस सूरत में देगा, अगर वह तेल से सब्सिडी हटाकर कीमतें बढ़ाता है.

जारी होते हैं लेटर ऑफ क्रेडिट
वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल के आयात के लिए स्थानीय बैंकों की ओर से लेटर ऑफ क्रेडिट जारी किए जाते हैं. इंटरनेशनल बैंक, एक्सपोर्टर को गारंटी देने के लिए स्थानीय भागीदारों के इन लेटर ऑफ क्रेडिट की पुष्टि करते हैं. गारंटी के तहत अगर पाकिस्तान का कोई बैंक एक्सपोर्टर को पैसे देने में चूक करता है तो उसका अंतरराष्ट्रीय समकक्ष इस रकम का भुगतान करता है.

द न्यूज ने एक सूत्र के हवाले से कहा कि राजनीतिक अशांति ने इंटरनेशनल बैंकों की नजर में देश के जोखिम को बढ़ा दिया है. अब वे एलसी की पुष्टि करने को राजी नहीं दिख रहे. सूत्रों के मुताबिक आईएमएफ के साथ पाकिस्तान की बातचीत में गतिरोध ने इस स्थिति को और भी मुश्किल बना दिया है. इसके बाद पाक सरकार के इस फैसले से वहां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में काफी उछाल आया है.


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