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बड़ी खबर: सरसों का तेल हो गया सस्ता, जानिए एक लीटर सरसों के तेल की कीमत

विदेशी बाजारों में गिरावट के रुख के बीच खाने के तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. वित्त वर्ष खत्म होते ही खाने के तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है वहीं, साधारण मांग के चलते सोयाबीन तिलहन की कीमतों में सुधार देखने को मिला है.

क्यों आई गिरावट?
बाजार के सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह वार्षिक लेखाबंदी की वजह से कारोबार सीमित होने से कीमतों में गिरावट आई है. इसके अलावा शनिवार से नवरात्र की शुरुआत हुई है, जिसकी वजह से घरेलू के साथ-साथ कारोबारी मांग घटने से यह गिरावट और बढ़ गई. कारोबार के आगे के रुख का पता सोमवार को चलेगा.

पिछले हफ्ते के मुकाबले आई गिरावट
सूत्रों ने कहा कि मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर रहे. केवल मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड के भाव में पिछले सप्ताह के मुकाबले 10 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई.

सरसों का तेल हुआ सस्ता
सूत्रों ने कहा कि मंडियों में आवक बढ़ने से जहां सरसों तेल-तिलहन में गिरावट आई है. वहीं, ऊंचे भाव पर मांग कमजोर रहने और विदेशी बाजारों में गिरावट आने की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल के भाव भी गिरावट दर्शाते बंद हुए.

बढ़ेगी जीडीपी और रोजगार
सूत्रों ने कहा कि सरकार को तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाने की ओर विशेष ध्यान देना होगा तभी इस मामले में देश आत्मनिर्भर होगा. इससे हमारी विदेशी मुद्रा की बचत होगी. इसके साथ ही सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और रोजगार बढ़ेगा.

कितना सस्ता हुआ सरसों का तेल?
सूत्रों ने बताया कि विदेशी बाजारों में मंदी और मंडियों में स्थानीय आवक बढ़ने के कारण पिछले हफ्ते के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 150 रुपये घटकर 7,475-7,525 रुपये प्रति क्विंटल रह गया. सरसों दादरी तेल 320 रुपये घटकर समीक्षाधीन हफ्ते में 15,000 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ. वहीं, सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 45-45 रुपये की फिसलकर क्रमश: 2,375-2,450 रुपये और 2,425-2,525 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं.

चेक करें मूंगफली तेल का भाव
समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के भाव पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के स्तर पर टिके रहे और केवल मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड में 10 रुपये की गिरावट आई. मूंगफली सॉल्वेंट का भाव 2,570-2,760 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ.