गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज (Morbi Cable Bridge) गिरने से अब तक कुल 140 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी हैं। इसकी पुष्टि करते हुए सूचना विभाग ने बताया कि हादसे के शिकार हुए करीब 177 लोगों को बचा लिया गया है। 19 लोगों का इलाज चल रहा है। बचाव कार्य में सेना, नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड लगी हुई हैं। नदी में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

भारतीय सेना के मेजर गौरव ने बताया कि बचाव कार्य (Morbi Cable Bridge) जारी है। रात करीब तीन बजे भारतीय सेना यहां पहुंच गई थी। शवों को निकालने की कोशिश की जा रही है। एनडीआरएफ की टीमें भी बचाव अभियान चला रही हैं।

मोदी लेंगे जायजा

मोरीबी पुल हादसे (Morbi Cable Bridge) के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी घटनास्थल पहुंचेंगे। आज मोरीब पहुंचकर वह हालात का जायजा लेंगे। इस दौरान वह मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे और मोरबी सिविल अस्पताल का दौरा कर घायलों का हालचाल जानेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

मोरबी पुल हादसे (Morbi Cable Bridge) का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट में याचिका दायर कर सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में तत्काल न्यायिक आयोग नियुक्त करने की मांग की गई है। इसके अलाला याचिका में राज्य सरकारों को पुराने और जोखिम भरे स्मारकों, पुलों के सर्वेक्षण के लिए समिति बनाने के निर्देश देने की मांग की गई है।

140 साल से भी ज्यादा पुराना है ब्रिज

मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3।5 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था।

ओरेवा ग्रुप के पास है मेंटेनेंस का काम

ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। ग्रुप के पास ब्रिज की सुरक्षा, सफाई, रखरखाव, टोल वसूलने, स्टाफ का प्रबंधन है।

कांग्रेस ने भाजपा को घेरा

इधर, हादसे पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव की जल्दबाजी में भाजपा ने पुल को लोगों के लिए जल्दी खोल दिया। राहुल गांधी ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा- गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे की खबर बेहद दुःखद है। ऐसे मुश्किल समय में मैं सभी शोकाकुल परिवारों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की हर संभव सहायता करें और लापता लोगों की तलाश में मदद करें। इसके अलावा दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने भी घटना को दुखद बताया।

मोरबी के राजा इसी पुल से दरबार जाते थे

ब्रिज का निर्माण मोरबी के राजा प्रजावत्स्ल्य सर वाघजी ठाकोर की रियासत के दौरान हुआ था। उस समय राजा राजमहल से राज दरबार तक जाने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल करते थे। राजशाही खत्म होने के बाद इस पुल की जिम्मेदारी मोरबी नगर पालिका को सौंप दी गई थी। लकड़ी और तारों से बना यह पुल 233 मीटर लंबा और 4।6 फीट चौड़ा है।

पीएमओ ने मृतकों के परिजन के लिए सहायता का ऐलान किया है। राज्य की ओर से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतक के परिजन को चार-चार लाख रुपये सहायता का ऐलान किया है। हादसे के कारणों की जांच के लिए 5 सदस्यीय SIT बनाई गई है।

पुल का उद्घाटन बीते 26 अक्टूबर को हुआ था। 140 साल पुराने इस पुल का कुछ ही दिनों पहले जीर्णोद्धार कराया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार रिन्यूवल के लिए सरकार ने टेंडर, ओधवजी पटेल के स्वामित्व वाले ओरेवा समूह को दी गई थी।

मृतकों को दो-दो लाख की आर्थिक सहायता

प्रधानमंत्री कार्यालय से मोरबी पुल हादसा में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति को दो-दो लाख रुपये की सहायता प्रधानमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा। इस हादसा में घायलों को पचास-पचास हजार रुपये पीएमएनआरएफ से दिया जाएगा। वहीं, CM पटेल ने भी मृतकों के आश्रितों को 4 लाख और घायलों को 50 हजार देने की घोषणा की।


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