Morbi Cable Bridge 1 1 jpg
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गुजरात के मोरबी में ब्रिज हादसे (Morbi Bridge) के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मंगलवार को मौके पर पहुंच सकते हैं। पीएम के संभावित दौरे को लेकर प्रशासन भी एक्टिव हो गया है। इस बीच, कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसके बाद विपक्षी दल खासतौर पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सरकार को निशाने पर ले लिया है।

कांग्रेस ने इसे इवेंटबाजी कहा है तो आप ने फोटोशूट की तैयारियां बताकर तंज कसा है। मोरबी में AAP के प्रत्याशी पंकज भाई राणसरिया ने अस्पताल में पहुंच कर काम को बंद करवाया है।

बता दें कि रविवार की शाम गुजरात के मोरबी में केबिल ब्रिज टूट जाने से बड़ा हादसा (Morbi Bridge) हो गया था। घटना में 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इस हादसे के बाद पीएम मोदी (PM Modi) ने गुजरात के सीएम से बात कर जानकारी ली थी और राहत-बचाव कार्य के बारे में निर्देश दिया था।

इतना ही नहीं, सोमवार को पीएम मोदी (PM Modi) गुजरात के बनासकांठा की जनसभा में मोरबी हादसे (Morbi Bridge) का जिक्र कर भावुक भी हो गए। बाद में देर शाम उन्होंने एक हाई लेवल मीटिंग की और राहत और बचाव कार्यों की जानकारी लेकर दिशा-निर्देश दिए। अब सूचना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को मोरबी अस्पताल पहुंच सकते हैं और घायलों से मुलाकात कर सकते हैं। ऐसे में अस्पताल में तैयारियों की तस्वीरों पर विपक्ष ने निशाना साधा है।

AAP ने कहा-

कांग्रेस ने भी किया ट्वीट- 

आप विधायक नरेश बालयान ने ट्वीट किया-

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

मोरबी पुल हादसे (Morbi Bridge) का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट में याचिका दायर कर सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में तत्काल न्यायिक आयोग नियुक्त करने की मांग की गई है। इसके अलाला याचिका में राज्य सरकारों को पुराने और जोखिम भरे स्मारकों, पुलों के सर्वेक्षण के लिए समिति बनाने के निर्देश देने की मांग की गई है।

140 साल से भी ज्यादा पुराना है ब्रिज

मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3।5 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था।

मोरबी के राजा इसी पुल से दरबार जाते थे

ब्रिज का निर्माण मोरबी के राजा प्रजावत्स्ल्य सर वाघजी ठाकोर की रियासत के दौरान हुआ था। उस समय राजा राजमहल से राज दरबार तक जाने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल करते थे। राजशाही खत्म होने के बाद इस पुल की जिम्मेदारी मोरबी नगर पालिका को सौंप दी गई थी। लकड़ी और तारों से बना यह पुल 233 मीटर लंबा और 4।6 फीट चौड़ा है।

पीएमओ ने मृतकों के परिजन के लिए सहायता का ऐलान किया है। राज्य की ओर से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतक के परिजन को चार-चार लाख रुपये सहायता का ऐलान किया है। हादसे के कारणों की जांच के लिए 5 सदस्यीय SIT बनाई गई है।

पुल का उद्घाटन बीते 26 अक्टूबर को हुआ था। 140 साल पुराने इस पुल का कुछ ही दिनों पहले जीर्णोद्धार कराया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार रिन्यूवल के लिए सरकार ने टेंडर, ओधवजी पटेल के स्वामित्व वाले ओरेवा समूह को दी गई थी।

मृतकों को दो-दो लाख की आर्थिक सहायता

प्रधानमंत्री कार्यालय से मोरबी पुल हादसा में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति को दो-दो लाख रुपये की सहायता प्रधानमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा। इस हादसा में घायलों को पचास-पचास हजार रुपये पीएमएनआरएफ से दिया जाएगा। वहीं, CM पटेल ने भी मृतकों के आश्रितों को 4 लाख और घायलों को 50 हजार देने की घोषणा की।

ओरेवा ग्रुप के पास है मेंटेनेंस का काम

ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। ग्रुप के पास ब्रिज की सुरक्षा, सफाई, रखरखाव, टोल वसूलने, स्टाफ का प्रबंधन है।


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