Mahakal Lok PM Modi
Mahakal Lok PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन (PM Modi in Ujjain) में ‘श्री महाकाल लोक’ (Shri Mahakal Lok) राष्ट्र को समर्पित किया। महाकाल लोक प्रोजेक्ट (Mahakal Corridor) के पहला फेज से श्रद्धालुओं को विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 850 करोड़ रुपये है।

मोदी (PM Modi in Ujjain) पांच बजे के बाद पहुंचे, इस वजह से जलाभिषेक तो नहीं कर सके, लेकिन मुख्य पुजारी घनश्याम महाराज ने 16 मंगल द्रव्यों से महाकालेश्वर का पूजन कराया। इसके बाद मोदी ने गर्भगृह में बैठकर ही मौन साधना भी की।

16 मंगल द्रव्यों से किया पूजन

प्रधानमंत्री (PM Modi in Ujjain) ने ज्योतिर्लिंग को त्रिपुंड तिलक लगाकर नमन किया। षोडशोपचार पूजन यानी 16 प्रकार के मंगल द्रव्यों से राजाधिराज का पूजन किया गया। इनमें चंदन, अबीर, गुलाल, अक्षत, बिल्वपत्र, धतूरा, नवीन वस्त्र, प्रक्षालन के लिए जल शामिल था। मोदी पूरे पूजन के दौरान आदियोगी महाकाल के समक्ष साधना मुद्रा में बैठे रहे। पुजारी दल ने प्रधानमंत्री को अंगवस्त्र भेंट कर बाबा महाकाल का आशीर्वाद दिया। इसके बाद मोदी स्वयं ज्योतिर्लिंग के पीछे आसन पर जाकर बैठ गए। वहां उन्होंने रुद्राक्ष की माला निकालकर जाप किया। उसके पश्चात वहां से रवाना हुए।

PM मोदी का संबोधन

महाकाल लोक (Shri Mahakal Lok) के उद्घाटन के बाद उज्जैन में पीएम मोदी का संबोधन हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है। सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है, अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है। जहां महाकाल…वहां कालखंडों की सीमाएं नहीं हैं। महाकाल के आशीर्वाद से भारत की भव्यता पूरे विश्व के विकास के लिए नई संभावनाओं को जन्म देगी। भारत की दिव्यता पूरे विश्व के लिए शांति के मार्ग प्रशस्त करेगी।

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जय महाकाल…हर हर महादेव से पीएम मोदी ने शुरू किया संबोधन

जय महाकाल और हर हर महादेव के साथ उज्जैन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि उज्जैन की ये ऊर्जा, ये उत्साह, अवंतिका की ये आभा, ये अद्भुतता, ये आनंद, महाकाल की ये महिमा, ये महात्म्या, ‘महाकाल लोक’ में लौकिक कुछ भी नहीं है। जब देश का भौगोलिक स्वरूप आज से अलग रहा होगा तब से ये माना जाता है कि उज्जैन भारत के केंद्र में हैं।

उज्जैन के कण-कण में आध्यात्म समाया है- PM

पीएम मोदी ने कहा कि ‘शिवं ज्ञानं’ यानी शिव ही ज्ञान है और ज्ञान ही शिव है, उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की संपन्नता और समृद्धि का, ज्ञान और गरिमा का और साहित्य का नेतृत्व किया है। उज्जैन के छण-छण में, पल-पल में इतिहास सिमटा हुआ है। कण-कण में आध्यात्म समाया हुआ है और कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है।

‘उज्जैन वो नगर है, जहां भगवान कृष्ण ने आकर ली शिक्षा’

पीएम मोदी ने कहा कि उज्जैन वो नगर है, जो हमारी पवित्र सात पुरियों में से एक गिना जाता है। ये वो नगर है, जहां भगवान कृष्ण ने भी आकर शिक्षा ग्रहण की थी। उज्जैन ने महाराजा विक्रमादित्य का वो प्रताप देखा है, जिसने भारत के नए स्वर्णकाल की शुरुआत की थी।

‘महाकाल का जब आशीर्वाद मिलता है तो काल की रेखाएं मिट जाती हैं’

पीएम मोदी ने कहा कि किसी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव इतना विशाल तभी होता है, जब उसकी सफलता का परचम, विश्व पटल पर लहरा रहा होता है। सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए ये जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए, अपनी पहचान के साथ गौरव से सिर उठाकर खड़ा हो। हमारी तपस्या और आस्था से जब महाकाल प्रसन्न होते हैं तो उनके आशीर्वाद से ही ऐसे ही भव्य स्वरुप का निर्माण होता है। और महाकाल का जब आशीर्वाद मिलता है तो काल की रेखाएं मिट जाती हैं।

जहां महाकाल हैं, वहां कालखंडों की सीमाएं नहीं- प्रधानमंत्री

पीएम मोदी ने कहा कि उज्जैन जैसे हमारे स्थान खगोलविज्ञान, एस्ट्रॉनॉमी से जुड़े शोधों के शीर्ष केंद्र रहे हैं। आज नया भारत जब अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है, तो आस्था के साथ-साथ विज्ञान और शोध की परंपरा को भी पुनर्जीवित कर रहा है। जो शिव ‘सोयं भूति विभूषण:’ हैं, अर्थात, भस्म को धारण करने वाले हैं। वो ‘सर्वाधिप: सर्वदा’ भी हैं अर्थात, वो अनश्वर और अविनाशी भी हैं। इसलिए, जहां महाकाल हैं, वहां कालखंडों की सीमाएं नहीं हैं।

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शिव के दर्शन में ही ब्रह्मांड का सर्वोच्च दर्शन है- PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में एक वाक्य है- शिवम् ज्ञानम्। इसका अर्थ है शिव ही ज्ञान है और ज्ञान ही शिव है। शिव के दर्शन में ही ब्रह्मांड का सर्वोच्च दर्शन है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार चार धाम प्रोजेक्ट के जरिए हमारे चारों धाम ऑल वेदर रोड से जुड़ने जा रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार करतारपुर साहिब खुला है।

‘भारत की दिव्यता पूरे विश्व के लिए शांति का मार्ग प्रशस्त करेगी’

पीएम मोदी ने कहा कि स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना से देशभर में हमारी आध्यात्मिक चेतना के ऐसे कितने ही केंद्रों का गौरव पुन: स्थापित हो रहा है। और अब इसी कड़ी में भव्य और अतिभव्य महाकाल लोक भी अतीत के गौरव के साथ, भविष्य के स्वागत के लिए तैयार हो चुका है। महाकाल के आशीर्वाद से भारत की भव्यता पूरे विश्व के विकास के लिए नई संभावनाओं को जन्म देगी। भारत की दिव्यता पूरे विश्व के लिए शांति के मार्ग प्रशस्त करेगी।

काशी विश्वनाथ से लेकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर का किया जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व जैसे पंच प्राण का आह्वान किया है। इसलिए आज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है। काशी में विश्वनाथ धाम भारत की संस्कृति का गौरव बढ़ा रहा है। सोमनाथ में विकास के कार्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उत्तराखंड में बाबा केदार के आशीर्वाद से केदारनाथ, बद्रीनाथ तीर्थ क्षेत्र में विकास के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं।

पीएम मोदी ने संबोधन से पहले किया महाकाल लोक का उद्घाटन

मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन के लिए मंगलवार का दिन इतिहास रचने वाला रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल परिसर में बने महाकाल लोक का लोकार्पण करने पहुंचे। इससे पहले उन्हेांने बाबा महाकाल की विषेश पूजा अर्चना की।

कार्तिक मेला ग्राउंड में पीएम मोदी का हुआ संबोधन

प्रधानमंत्री मोदी भारतीय वायुसेना के विमान से इंदौर एयरपोर्ट पर पहुंचे और वहां से हेलीकाप्टर से उज्जैन हेलीपेड पहुंचे। उसके बाद उन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन किए और पूजा अर्चना की। यहां नंदी को भी प्रणाम किया। प्रधानमंत्री मोदी यहां ‘श्री महाकाल लोक’ (Shri Mahakal Lok) राष्ट्र को समर्पित कर कार्तिक मेला ग्राउंड में जनसभा में शामिल होने वाले हैं।


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