Liz Truss Resigns
Liz Truss Resigns

ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने इस्तीफा (Liz Truss Resigns) दे दिया है। एक दिन पहले ही सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने लिज ट्रस को तलब कर इस्तीफा देने के लिए कहा था। उनकी कैबिनेट में शामिल वित्त मंत्री और गृह मंत्री पहले ही अपना पद छोड़ चुके हैं।

लिज ट्रस के इस्तीफे (Liz Truss Resigns) के बाद ब्रिटेन में राजनीति फिर एक बार गहरा गई है। लिज ट्रस सिर्फ 45 दिनों तक ही ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रह पाईं। अब लिज ट्रस के नाम ब्रिटेन के सबसे कम दिनों तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया है। दूसरे सबसे कम समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री जॉर्ज कैनिंग थे, जिन्होंने 1827 में कार्यकाल के दौरान निधन से पहले 119 दिनों तक सत्ता संभाली थी। ट्रस प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही टैक्स कटौती को लेकर विरोधियों के निशाने पर थीं।

टैक्स कटौती को लेकर निशाने पर थी

प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही लिज ट्रस (Liz Truss Resigns) विरोधियों के निशाने पर थीं। टैक्स कटौती को लेकर उनकी ही पार्टी के सांसद आलोचना कर रहे थे, जिसके बाद सरकार को अपने फैसले पर यू-टर्न लेना पड़ा था। माना जा रहा है कि अब कंरजर्वेटिव पार्टी के नए नेता का चुनाव दोबारा किया जाएगा। हालांकि, अगर सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद चाहें तो सिर्फ वे ही मतदान कर नया नेता चुन सकते हैं। अगर बोरिस जॉनसन के वफादार सांसद कोई अड़ंगा नहीं लगाते हैं तो ऋषि सुनक का ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री चुना जाना तय है।

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वित्त मंत्री और गृह मंत्री दे चुके हैं इस्तीफा

लिज ट्रस (Liz Truss Resigns) की सरकार बनने के चंद महीनों के अंदर उनकी कैबिनेट के दो शीर्ष मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें नंबर दो मानी जाने वाली गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन और नंबर तीन पर काबिज वित्त मंत्री क्वासी क्वार्टेंग शामिल हैं। क्वासी क्वार्टेंग को टैक्स कटौती वाला बिल पेश करने के बाद बढ़ते विरोध को देखते हुए लिज ट्रस ने बर्खास्त कर दिया था। वहीं, सुएला ब्रेवरमैन ने प्रवासियों से जुड़े एक सीक्रेट ड्राफ्ट को कानून के खिलाफ जाते हुए अपने एक सहयोगी के साथ शेयर किया था। इसी का खुलासा होने के बाद पीएम लिज ट्रस ने ब्रेवरमैन का इस्तीफा ले लिया।

सुएला ब्रेवरमैन ने लिज ट्रस पर साधा था निशाना

सुएला ब्रेवरमैन ने अपने इस्तीफे में प्रधानमंत्री लिज ट्रस पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार का बिजनेस अपनी गलतियों के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करने वाले लोगों पर निर्भर करता है। ब्रेवरमैन ने आरोप लगााया था कि कुछ लोग ऐसा दिखाते हैं कि उन्होंने गलतियां नहीं की, जैसे कि उन्हें हर कोई देख ही नहीं सकता है। उन्होंने आगे कहा था कि हमने उन्हें बनाया है और यह उम्मीद करना कि चीजें जादुई रूप से सही होंगी, यह गंभीर राजनीति नहीं है। ब्रेवरमैन ने कहा था कि मुझे इस सरकार की दिशा के बारे में चिंता है। हमने उन महत्वपूर्ण वादों को तोड़ा है जो हमारे मतदाताओं से किए गए थे। मुझे घोषणापत्र प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए इस सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में गंभीर चिंताएं हैं।

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लिज ट्रस ने इस्तीफे के बाद क्या कहा

लिज ट्रस ने इस्तीफा (Liz Truss Resigns) देने के बाद कहा, ”मैं ऐसे समय में सत्ता में आईं, जब ब्रिटेन गहरे आर्थिक और अंतर्राष्ट्रीय अस्थिरता से जूझ रहा था। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन बहुत लंबे समय से कम आर्थिक विकास के कारण पीछे था और उन्हें उनकी पार्टी ने इसे बदलने के लिए जनादेश के साथ चुना था। इसके लिए ब्रिटिश सरकार ने तेल और गैस की कीमतों में कटौती की। सरकार ने कम टैक्स और उच्च विकास अर्थव्यवस्था का एक दृष्टिकोण निर्धारित किया था। मैं मानती हूं … स्थिति को देखते हुए मैं वह जनादेश नहीं दे सकती जिस पर मुझे कंजरवेटिव पार्टी ने चुना था।” ट्रस ने कहा कि मैंने महामहिम महाराज से यह सूचित करने के लिए बात की है कि मैं कंजरवेटिव पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफा दे रहा हूं।

ऋषि सुनक के पक्ष में ज्यादातर कंजर्वेटिव सांसद

यू-जीओवी के एक नये सर्वेक्षण में बताया गया है कि ब्रिटेन में अगर अभी कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व के लिए चुनाव कराये जाते हैं तो ऋषि सुनक जीत सकते हैं। सर्वे में बताया गया है कि सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद लिज ट्रस को चुनने के बाद अपने फैसले पर अफसोस जता रहे हैं। सर्वे में पाया गया है कि अगर सांसदों को फिर से मतदान करने का मौका मिलता है तो पार्टी के 55 प्रतिशत सदस्य अब ऋषि सुनक को वोट देंगे, जबकि ट्रस को महज 25 प्रतिशत लोग वोट देंगे।

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किसके हाथ आएगी ब्रिटेन की सत्‍ता की चाबी

यूके की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने सिर्फ छह हफ्तों के अंदर ही अपने पद से इस्‍तीफा (Liz Truss Resigns) दे दिया है। इसके साथ ही एक बार फिर कंजर्वेटिव पार्टी अपना नेता चुनने की तरफ बढ़ चुकी है। ट्रस ने कहा है कि नए नेता का चुनाव एक हफ्ते के अंदर होगा। बुकीज का दांव अब भारतीय मूल के ऋषि सुनक और पेनी मोरदाउंट पर है। माना जा रहा है कि दोनों में से कोई एक अगला पीएम हो सकता है। लेकिन इन सबसे अलग पार्टी के कई नेता पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन की वापसी चाहते हैं।

63 फीसदी सांसदों की पसंद जॉनसन

द सन के मुताबिक कंजर्वेटिव पार्टी के बहुत से नेता चाहते थे कि ट्रस को अपने पद से इस्‍तीफा (Liz Truss Resigns) दे देना चाहिए। इसके बाद सब बुधवार को गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने इस्‍तीफा देने का ऐलान किया तो ट्रस पर दबाव बढ़ गया। YouGov पोल में पार्टी के 55 फीसदी सदस्‍यों का कहना है कि चुनाव की स्थिति में वह सुनक को वोट करेंगे। वहीं 63 फीसदी सदस्‍य मानते हैं कि पूर्व पीएम जॉनसन बेहतर विकल्‍प हो सकते हैं। 32 फीसदी नेताओं ने उन्‍हें टॉप कैंडीडेट करार दिया। 23 फीसदी सदस्‍य सुनक के पक्ष में हैं।

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60 फीसदी सदस्‍य मानते हैं कि सुनक को रिप्‍लेसमेंट के तौर पर लाना एक अच्‍छा आइडिया हो सकता है। वहीं, 47 फीसदी सदस्‍यों ने जर्मी हंट को वोट दिया है। पेनी मोरदाउंट के पक्ष में 54 फीसदी सदस्‍य हैं। 62 फीसदी लोग रक्षा मंत्री बेन वॉलेस के पक्ष में हैं। पार्टी के सांसदों का मानना है कि वो देश के भविष्‍य के लिए एक बेहतर नेता का चुनाव कर पाएंगे।


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