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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए China को खूब खरी-खरी सुनाई. एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के अपराधियों को सही ठहराने और उनकी रक्षा करने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है. तवांग में की गई चीन की हरकत पर जमकर जयशंकर जमकर बरसे.

भारतीय विदेश मंत्री ने सीधे तौर पर चीन का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ तौर से China की ओर था, जिसने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को संयुक्त राष्ट्र टेरर लिस्ट में शामिल करने के भारत और अमेरिका की कोशिशों में कई मौकों पर अडंगा डाला है.  ऐसे लोगों से भारत दूर ही रहना चाहता है.

 

बहुपक्षीय मंचों का हो रहा दुरुपयोग’

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीनी प्रतिनिधि की मौजूदगी में विदेश मंत्री ने उसे आड़े हाथों लिया. इस दौरान एस जयशंकर ने कहा, ‘आतंकवाद की चुनौती पर, भले ही दुनिया अधिक सामूहिक प्रतिक्रिया के साथ एक साथ आ रही है, लेकिन इन अपराधियों को सही ठहराने और बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है.’

 

बता दें कि इस साल दिसंबर के अंत में 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNCS) के निर्वाचित सदस्य के रूप में भारत का दो साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर आतंकवाद रोधी दो बैठकों की अध्यक्षता करने के लिए मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र पहुंचे हैं.

 

भारत ने सुरक्षा परिषद की बारी-बारी से सौंपी जाने वाली मासिक अध्यक्षता एक दिसंबर को संभाली थी. अगस्त 2021 के बाद यह दूसरी बार है, जब भारत यूएनएससी सदस्य के रूप में दो साल के अपने कार्यकाल के दौरान परिषद की अध्यक्षता कर रहा है. भारत ने जोर देते हुए कहा है कि यह परिषद अपने मौजूदा रूप में आज की भूराजनीतिक वास्तविकताओं को प्रदर्शित नहीं करती है.


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