भारत की ओर से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद यूरोपीय बाजार में गेहूं की कीमतों में सोमवार को भारी उछाल देखने को मिला। सोमवार को यूरोपीय बाजार खुलते ही गेहूं के दाम 435 यूरो ($453) प्रति टन पहुंच गई। इस साल फरवरी में रूस की ओर से यूक्रेन के खिलाफ जंग के ऐलान और उसके एग्रीकल्चर पॉवर हाउस पर हमले के बाद वैश्विक स्तर पर गेहूं की आपूर्ति नहीं होने की आशंका बढ़ गई। जिसकी वजह से कीमतों में उछाल देखा गया।
पिछले साल के रिकॉर्ड देखे थे वैश्विक बाजार में गेहूं निर्यात के लिए इन दोनों देशों का 12 प्रतिशत योगदान था। दुनियाभर में खाद की कमी और खराब फसल की वजह से वैश्विक स्तर पर महंगाई बढ़ी है। गरीब देशों में स्थिति ठीक नहीं चल रही है और सामाजिक अशांती की आशंका जताई जा रही है।
दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है भारत
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक देश भारत ने शनिवार को कहा कि मार्च में रिकॉर्ड स्तर की गर्मी की देखते हुए वो निर्यात पर प्रतिबंध लगा रहा है। भारत ने कहा कि वह गेहूं के कम उत्पादन और वैश्विक बाजार में कीमतों की उछाल को देखते हुए वह अपने 1.4 बिलियन लोगों की खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
13 मई से पहले की डील पर होगी सप्लाई
गेहूं के निर्यात पर बैन लगाते हुए सरकार ने कहा कि 13 मई को जारी निर्देश से पहले की निर्यात डील को रोका नहीं जाएगा, लेकिन भविष्य में होने वाले निर्यात के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी होगी। भारत के पास गेहूं का बफर स्टॉक है। अपने स्टॉक को देखते हुए भारत ने पहले कहा था कि वह यूक्रेन युद्ध की प्रभावित हुई आपूर्ति की कुछ कमी को पूरा करने में मदद करने के लिए तैयार है।
Discover more from Newzbulletin
Subscribe to get the latest posts sent to your email.