Imran Khan
Imran Khan

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के विरोध मार्च के दौरान गुरुवार को पंजाब प्रांत में उनके कंटेनर-ट्रक पर हमला किया गया। हमले में उनके पैर में गोली लगी, लेकिन वह खतरे से बाहर हैं। अज्ञात हमलावर ने पंजाब के वजीराबाद कस्बे के अल्लाहवाला चौक के पास गोलियां चलाईं। हमलावर को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। हमलावर का कहना है कि वह अजान के दौरान रैली के शोर-शराबे से नाराज था और उसने सिर्फ इमरान को ही निशाना बनाया था।

जियो टीवी के फुटेज के अनुसार 70 वर्षीय इमरान खान (Imran Khan) के दाहिने पैर में गोली लगी है। चैनल ने कहा कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और वह खतरे से बाहर हैं। एआरवाई न्यूज के अनुसार इमरान खान की हालत खतरे से बाहर है। एआरवाई न्यूज को इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी का मुखपत्र माना जाता है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) पर हमले के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। गुरुवार की देर रात कई जगहों पर आगजनी और नारेबाजी की गई। उग्र प्रदर्शनकारी सड़कें जामकर मार्च करते दिखे। खासतौर पर सेना के दफ्तर और सैन्य अफसरों को निशाना बनाया गया। खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में प्रदर्शनकारियों ने सेना के कोर कमांडर के घर को घेर लिया और नारेबाजी की।

इमरान (Imran Khan) का इलाज लाहौर के अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टर बोले- उनकी हालत स्थिर है। हमले में खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सांसद फैसल जावेद समेत कुल 13 लोग घायल हुए। एक व्यक्ति की मौत हो गई। हमले के बाद इमरान ने कहा है कि अल्लाह ने उन्हें नई जिंदगी बख्शी है। इंशाल्लाह हम फिर वापसी करेंगे और अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

अब इस घटनाक्रम को सिलसिलेवार समझते हैं…

1. इमरान लॉन्ग मार्च क्यों निकाल रहे हैं?

इमरान (Imran Khan) ने 28 अक्टूबर को शाहबाज शरीफ सरकार के इस्तीफे और जल्द से जल्द जनरल इलेक्शन की मांग को लेकर लॉन्ग मार्च शुरू किया था। इस लॉन्ग मार्च के शुरू होने के बाद अलग-अलग वजहों से एक महिला पत्रकार समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी है। मई में भी इमरान ने लॉन्ग मार्च निकाला था और उस दौरान जबरदस्त हिंसा हुई थी।

2. हमला कब और कहां हुआ?

इमरान खान का मार्च गुरुवार को गुजरांवाला पहुंचा। यहां वे रैली कर रहे थे। वे कुछ नेताओं के साथ कंटेनर की छत पर अभिवादन करते हुए आगे बढ़ रहे थे। तभी शाम के वक्त एक व्यक्ति ने उन पर कई फायर किए।

3. इमरान को कहां गोलियां लगीं?

हमलावर की फायरिंग में पूर्व PM जख्मी हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें चार गोलियां लगीं। एक गोली पैर में लगी। हालांकि, इसे लेकर अब तक आधिकारिक बयान नहीं आया है।

4. हमलावर कौन था और क्या चाहता था?

उसके सही नाम को लेकर पुलिस ने अभी तक जानकारी नहीं दी है। कुछ खबरों में उसका नाम फैसल और कुछ में जावेद इकबाल बताया गया है।

इधर, घटना के बाद एक वीडियो सामने आया है, जिसमें हमलावर हथियार लिए भीड़ से बचकर भागने की कोशिश कर रहा है। हालांकि एक शख्स ने उसे पीछे से दबोच लिया, लेकिन वो उससे बचकर भागने लगा, लेकिन मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर को फौरन पकड़ लिया।

5. हमलावर बोला- अजान के दौरान डीजे बजने से नाराज था

पाकिस्तान के कई सीनियर जर्नलिस्ट्स ने इस हमलावर के पुलिस कस्टडी में दिए गए बयान का वीडियो शेयर किया है। इसमें आरोपी कहता कि वो अकेला ही हमला करने आया था। वो इमरान को जान से मारना चाहता था, क्योंकि खान के लॉन्ग मार्च में अजान के दौरान भी डेक (DJ) बजता रहता था। पुलिस ने ऑफिशियली अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

6. दावा- हमले में PM, गृहमंत्री और सीनियर मिलिट्री ऑफिसर शामिल

PTI के सेक्रेटरी जनरल असद उमर ने गुरुवार को दावा किया कि पार्टी अध्यक्ष इमरान खान को संदेह है कि उनकी हत्या के प्रयास के पीछे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और एक सीनियर मिलिट्री ऑफिसर अधिकारी का हाथ है।

7. घटनास्थल से गोलियों के 11 खोखे मिले

एक पुलिस अधिकारी ने कहा- घटनास्थल पर 11 बुलेट शेल (खोखे) मिले हैं। इनमें से 9 पिस्टल की गोलियों के शेल हैं और दो किसी बड़ी बंदूक की गोलियों के शेल थे। उन्होंने कहा- पिस्टल की गोलियां जमीने से कंटेनर की ओर चलाई गईं, जबकि कंटेनर से जमीन पर बड़ी बंदूक से फायर किया गया। वहीं, PTI नेताओं का कहना है कि हमला AK-47 से किया गया।

घायल इमरान ने समर्थकों का अभिवादन किया

मार्च में गोली लगने के बाद घायल हुए इमरान खान (Imran Khan) ने अस्पताल जाने से पहले समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों और समर्थकों की घेरेबंदी में उन्हें अस्पताल भेजा गया।

15 साल पहले इसी तरह हुई थी बेनजीर भुट्टो की हत्या

इमरान से पहले 27 दिसंबर 2007 को पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो पर भी ऐसे ही हमला हुआ था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। भुट्टो तब रावलपिंडी से रैली कर लौट रही थीं, तभी हमलावर उनके पास आया और उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद हमलावर ने खुद को भी बम से उड़ा लिया था। बता दें कि बेनजीर भुट्टो दो बार पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी थीं, लेकिन कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी थीं। बेनजीर के बेटे बिलावल भुट्‌टो इस समय शाहबाज सरकार में विदेश मंत्री हैं।


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