IMG 20220909 191524 800 x 400 pixel 1
IMG 20220909 191524 800 x 400 pixel 1

मुंबई की एक झुग्गी बस्ती से चलने वाली एक राजनीतिक पार्टी(Party)को मिले करोड़ों के चंदे ने आयकर विभाग के कान खड़े कर दिए हैं। हाल ही में देश भर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से छापेमारी की गई थी। इसी दौरान इस राजनीतिक दल के बारे में भी खुलासा हुआ है। जनतावादी कांग्रेस पार्टी(Party) नाम के इस दल का मुख्यालय चूनाभट्टी इलाके की एक झुग्गी बस्ती में स्थित है।
जानकारी सामने आई है कि 2015 में बनी जनतावादी कांग्रेस पार्टी(Party) को कोई छोटी राशि नहीं बल्कि 90 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। आयकर विभाग को शक है कि हवाला रैकेट के जरिए आई रकम राजनीतिक दल को ट्रांसफर की गई है। इससे शक और गहरा गया है।

एक गुमनाम पार्टी(Party) को कहां से मिल गया 90 करोड़ का चंदा

जनतावादी कांग्रेस पार्टी(Party) पंजीकृत दल है, लेकिन महाराष्ट्र या फिर मुंबई की सियासत में इसका कभी कोई रोल नहीं रहा है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि जनतावादी कांग्रेस पार्टी को 90 करोड़ रुपये का दान किसने दिया? जो एक चाली में दो मंजिला कमरे से चलती है और पार्टी के सिंबल के अलावा उसके पास कुछ नहीं है।
इस बारे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष काटके ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी को 90 करोड़ रुपये का चंदा मिला। यह सारा पैसा पार्टी(Party) के काम में खर्च किया गया। हमने कुछ भी गलत नहीं किया है।

2015 में हुआ था गठन, महाराष्ट्र की सियासत में कोई रोल ही नहीं

पार्टी अध्यक्ष संतोष काटके ने कहा कि मैंने खर्च का सारा ब्योरा चुनाव आयोग को सौंप दिया है। हालांकि, आयकर विभाग ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। आयकर विभाग के अफसरों का कहना है कि जनतावादी कांग्रेस पार्टी द्वारा दिखाए गए सभी खर्च विवरण फर्जी हैं। इस पार्टी का इस्तेमाल हवाला ऑपरेटरों द्वारा करों से बचने के लिए किया जाता था।

जनतावादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना 2015 में हुई थी। पंजीकरण के समय, यह उल्लेख किया गया था कि पार्टी का मुख्यालय चूनाभट्टी में एक झुग्गी बस्ती में है। 2018 में इस पार्टी ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन किसी भी सीट पर उसे जीत हासिल नहीं हुई थी।

123 राजनीतिक दलों पर हुई छापेमारी

आयकर विभाग ने बुधवार को देशभर में छापेमारी की थी। इस बार देश भर में 123 पंजीकृत किंतु अज्ञात राजनीतिक दलों की संपत्तियों पर छापेमारी की गई थी। इसके अलावा कुछ हवाला संचालकों की संपत्तियों पर भी छापेमारी की गई। इस दौरान आयकर विभाग को वित्तीय अनियमितता, कर चोरी, फर्जी चंदा और वित्तीय हेराफेरी के सुराग मिले थे। इनमें से दो संदिग्ध राजनीतिक दल मुंबई से हैं। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक देश भर में ऐसे करीब 2,000 पंजीकृत दल हैं, जो अज्ञात हैं। इन पार्टियों का उपयोग हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से पैसे का आदान-प्रदान करने के लिए किया जाता है। हवाला संचालक इन राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में बड़ी मात्रा में धन हस्तांतरित करते हैं।

कैसे इन राजनीतिक दलों को मिलता है अवैध रकम पर कमीशन?

फिर इन राजनीतिक दलों के बैंक खातों से विभिन्न खर्चों को दर्शाने वाले पैसे को डायवर्ट किया जाता है। हवाला संचालक फिर इस पैसे को नकली कंपनियों के जरिए नकद रूप में निकाल लेते हैं। इन सबके लिए संबंधित राजनीतिक दलों को कुल लेनदेन का 0.01 प्रतिशत कमीशन मिलता है। कोई भी व्यक्ति धारा 29ए के तहत पंजीकृत किसी भी राजनीतिक दल को कोई भी राशि दान कर सकता है। इसके बाद संबंधित व्यक्ति धारा 80GGC के तहत धारा के तहत दान राशि पर छूट का लाभ उठा सकता है।


Discover more from Newzbulletin

Subscribe to get the latest posts sent to your email.