केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवादी ताकतों के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाने के लिए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की प्रशंसा करते हुए शनिवार को अर्धसैनिक बल को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के वास्ते एक खाका (रोडमैप) तैयार करने को कहा.
शाह यहां मौलाना आजाद स्टेडियम में सीआरपीएफ के 83वें स्थापना दिवस पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे. यह पहली बार है जब सीआरपीएफ के दिल्ली-एनसीआर में स्थित मुख्यालय के बाहर परेड का आयोजन किया गया है.
शाह ने सीआरपीएफ दिवस परेड में कहा, ‘सीआरपीएफ न केवल एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है बल्कि देश का हर बच्चा इसे अपनी बहादुरी और साहस के लिए प्यार करता है. जब भी देश में कहीं भी दंगे होते हैं, सीआरपीएफ की तैनाती लोगों को संतुष्टि देती है.’
उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ को जो प्यार और सम्मान मिला है, वह उसके जवानों के बलिदान और समर्पण के कारण है.
शाह ने कहा, ‘चाहे वह मध्य भारत का नक्सल प्रभावित क्षेत्र हो, कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद हो या पूर्वोत्तर में उग्रवादी ताकतें, सीआरपीएफ ने ऐसे समूहों को खत्म करने और तीनों क्षेत्रों में शांति बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.’
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ ने देशभर में एक सराहनीय भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में तीन क्षेत्रों में सीआरपीएफ को फिर से तैनात करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी.
उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि हम शांति बहाल करने में सक्षम होंगे और अगर ऐसा होता है, तो इसका श्रेय सीआरपीएफ जवानों को जाएगा.’
शाह ने कहा कि 1990 के दशक में एक समय था जब पूर्वोत्तर में उग्रवाद और कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद अपने चरम पर था और देश में हर कोई चिंतित था. उन्होंने कहा, ‘दो दशकों के भीतर, सीआरपीएफ ने अपने समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ देश विरोधी ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जो अब खत्म होने के कगार पर हैं
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