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मंदिर तोड़ने पर गहलोत सरकार ने नगर पालिका चेयरमैन, ईओ को दी सजा, रिपोर्ट में दोषी पाए गए

राजस्थान में मंदिर समेत कुछ अन्य भवनों को तोड़ने का मुद्दा गरमा गया है। इसको लेकर गहलोत सरकार और भाजपा के बीच टकराव भी बढ़ गया है। सरकार ने अतिक्रमण हटाने के दौरान मंदिर तोड़ने को लेकर विवाद में घिरे राजगढ़ (अलवर) नगरपालिका के अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी (ईओ) को निलंबित कर दिया है।

सोमवार को इसका आदेश जारी हुआ तो भाजपा ने कड़ा विरोध जताया। आदेश में कहा गया है कि राजगढ़ नगरपालिका क्षेत्र में 17 अप्रैल को विभिन्न निर्माण कार्य हटाने के प्रकरण में विभाग ने प्राथमिक जांच करवाई। इसकी रिपोर्ट व उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार नगरपालिका अध्यक्ष सतीश दुहारिया ने विधि विरुद्ध आचरण किया।

मंदिर तोड़ने की जांच के लिए भाजपा की गठित समिति के अध्यक्ष सीकर के सांसद स्वामी सुमेधानंद ने कहा कि “एक लोकतांत्रिक तरीके से चुने हुए, राजगढ़, अलवर से नगरपालिका के अध्यक्ष सतीश दुहारिया को राजस्थान सरकार द्वारा द्वेषपूर्वक कार्रवाई करते हुए निलंबित करना बहुत ही गलत और निंदनीय है।”

उन्होंने कहा कि “सरकार अपने गलत कारनामों को छिपाने के लिए ऐसा किया है। पहले प्रशासन पर दबाव बनाकर मंदिर एवं आमजन के मकानों को तुड़वाना और अब अपनी गलती को छिपाने के लिए अध्यक्ष को निलंबित कर दिया है।”

इससे पहले उन्होंने राजस्थान सरकार से कहा कि “जिन मंदिरों को खंडित किया गया है उनकी विधिवत पुन: स्थापना करते हुए हिंदू सनातन धर्म के लोगों और उनके आस्था स्थल को सम्मान प्रदान करें। दूसरा पीड़ित लोगों को सरकार अपेक्षित मुआवजा उपलब्ध करवाते हुए पुनर्वास की व्यवस्था करें।”

उधर, सरकारी आदेश के अनुसार मामले की न्यायिक जांच करवाने का फैसला किया गया है। सरकार का कहना है कि दुहारिया के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए हैं तो उन्हें अध्यक्ष व पार्षद पद से तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाता है। इसी तरह एक अन्य आदेश के अनुसार पालिका के अधिशासी अधिकारी बनवारी लाल मीणा को भी प्राथमिक जांच में कर्तव्य के प्रति लापरवाही व विधि विरुद्ध आचरण का दोषी पाए जाने पर पद से निलंबित कर दिया गया है।

सरकार ने राजगढ़, अलवर के उपखंड अधिकारी केशव कुमार मीना (आरएएस) को भी सोमवार को निलंबित कर दिया था। राजगढ़ नगरपालिका क्षेत्र में 17 अप्रैल को अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान एक मंदिर ढहाने को लेकर विवाद हो गया था।

निलंबन आदेश पर प्रतिक्रिया जताते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने ट्वीट किया, ‘‘सत्य पराजित नहीं होता। सरकार और अपने अफसरों की गलती छिपाने के लिये भाजपा बोर्ड पर आरोप लगाने वाली कांग्रेस अंतत: अफसरों को दोषी मान उन पर कार्रवाई कर रही है।’’पूनियां ने कहा, ‘‘अपनी अनैतिक सोच का अफ़सरों से क्रियान्वयन कराने वालों जनता सब देख समझ रही है कि किसके इशारे पर मंदिर टूटा।’’