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सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करता था ठगी, पुलिस ने धर दबोचा

रुद्रपुर। खटीमा में सरकारी और संविदा पर नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले दूसरे नटवरलाल आरोपी को पुलिस ने दबोचा है। एक हफ्ते पहले पुलिस आरोपी के मुख्य साथी को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से दो लाख की नकदी और फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किए है।

21 जनवरी को गांव खेतलसंडा मुस्ताजर, खटीमा निवासी सुरेश चंद्र ने पुलिस को सौंपी तहरीर में बताया था कि पड़ोस में रहने वाले मनोज रावत उर्फ बॉबी ने गांव नौसर निवासी इंद्रजीत साहनी उर्फ अजय से उसकी मुलाकात कराई थी। अजय ने सुरेश के दो बच्चों व आठ रिश्तेदारों सहित 10 लोगों को नौकरी दिलाने का वायदा किया था। इसके एवज में अजय ने सुरेश से 36.50 लाख रुपये नकद लिए थे।

इसके बाद अजय ने सभी को फर्जी नियुक्ति थमाकर अपना पल्ला झाड़ लिया था। 23 जनवरी को पुलिस ने अजय को गिरफ्तार कर हूटर लगी उसकी कार को भी सीज कर दिया था। इधर सुरेश ने बताया कि अजय को रुपये देने के बाद उसने 19 लाख रुपये मनोज रावत को भी दिए थे। मामले के विवेचक पंकज महर ने विवेचना में मनोज रावत का नाम भी शामिल किया और उसके खिलाफ सबूत जुटाए।

शनिवार शाम को पुलिस ने मनोज रावत को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके कब्जे से 2,20,000 रुपये व तीन फर्जी नियुक्ति पत्र जब्त किए। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि अजय और मनोज पुराने साथी और यह साथ मिलकर खटीमा लोगों से नौकरी के नाम पर ठगी कर रहे थे। दोनों की की गिरफ्तारी हो चुकी है।

 

मनोज ने अजय के खिलाफ दर्ज कराया था केस

पुलिस को चकमा देने के लिए पिछले वर्ष सितंबर में मनोज ने अपने साथी अजय के खिलाफ ही 35 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का केस दर्ज कराया था। एसएसपी ने बताया कि पुलिस को गुमराह करने के लिए मनोज ने योजनाबद्ध तरीके से यह कार्य किया था। जबकि वह अजय के साथ लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था।

मार्केंटिंग नौकरी की आड़ में चल रही थी धोखाधड़ी

मनोज खटीमा में एक मार्केंटिंग की कंपनी में नौकरी करता था और उसी की आड़ में लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करता था। एसएसपी ने बताया कि अजय और मनोज के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी।इसके साथ ही संपत्तियों की जांच की जाएगी।