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सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 2012 में वीडियोकॉन समूह को बैंक की तरफ से स्वीकृत ऋण में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

सीबीआई ने इनके खिलाफ दर्ज किया था केस
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज किया था.

‘करोड़ों का कर्ज मिलने के बाद एक कंपनी में किया निवेश’
उन्होंने बताया, ऐसा आरोप है कि वीडियोकॉन के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत ने साल 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज मिलने के बाद कथित तौर पर नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया.

‘बैंक को धोखा देने के लिए मंजूर किए गए कुछ लोन’
सीबीआई ने साल 2019 में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था, यह आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश में निजी कंपनियों को कुछ ऋण मंजूर किए थे.

बता दें कि चंदा कोचर पर अपने पति को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए पद के दुरुपयोग का आरोप है. राजस्थान के जोधपुर में सिंधी परिवार में पैदा हुईं चंदा कोचर ने बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल किया. उन्हें सरकार की ओर से पद्म भूषण पुरस्कार भी मिल चुका है.


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