उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव (Assembly Election Result 2022) के नतीजे आने में सिर्फ एक दिन बचा है और इससे पहले एग्जिट पोल (Exit Poll) में कई दावे किए गए हैं. एग्जिट पोल में बताया गया है कि किस राज्य में कौन सी पार्टी सरकार बना सकती है और किस राज्य में बहुमत का पेच फंस सकता है. हालांकि कई बार चुनाव परिणाम (Election Result) एग्जिट पोल के नतीजों से अलग भी आ जाते हैं और 2017 के विधान सभा के चुनाव में सारे अनुमान गलत साबित हुए थे.
एग्जिट पोल के नतीजों पर अलग-अलग राय
एग्जिट पोल (Exit Poll) के लिए तय सिद्धांतों और प्रैक्टिस के तहत सीटों और वोट प्रतिशत का आकलन किया गया है, लेकिन इसके बाद भी स्थिति बहुत ज्यादा स्पष्ट नहीं है. हालांकि इसके बावजूद कुछ लोग एग्जिट पोल के नतीजे देखकर आशान्वित हैं तो कछ लोगों को चुनाव परिणामों का इंतजार है.
कम वोटिंग ने बढ़ाई निराशा
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के पूर्व महानिदेशक अक्षय राउत का कहना है कि पांच राज्यों के चुनाव नतीजे कोई भी पार्टी जीते, लेकिन पिछले एक महीने में हुए चुनावों में मतदाताओं की रुचि देखकर निराशा ही हुई है, क्योंकि वोटिंग का प्रतिशत काफी कम रहा है. उन्होंने कहा कि पोस्टल बैलट की गिनती होने के बाद भी मतदान का प्रतिशत मामूली ही बढ़ेगा.
पिछली बार की तुलना में कम हुई वोटिंग
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में इस बार 60 प्रतिशत वोटिंग हुई, जबकि 2017 के चुनाव में इन राज्यों में 61 प्रतिशत मतदान हुआ था. उत्तराखंड में 2017 के बराबर 65 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2012 (66.8 फीसदी) की तुलना में कम है. वहीं पंजाब में भी पिछले तीन विधान सभा चुनावों में मतदान के प्रतिशत में गिरावट आई है. 2012 में 78.2 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जो 2017 में 77 प्रतिशत हो गई है और इस बाद 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. हालांकि इस बीच में वोटिंग का प्रतिशत बढ़ा है और पिछली बार की तुलना में 2.2 प्रतिशत ज्यादा 88.9 फीसदी वोटिंग हुई है.
कम मतदान से पलटेंगे एग्जिट पोल के नतीजे?
वोटिंग प्रतिशत से हर बाद अंदाजा लगाया जाता है कि लोग सरकार के काम से नाराज हैं या खुश हैं. पिछले 3 चुनावों का एनालिसिस करें तो पता चलता है कि जब-जब वोट प्रतिशत बढ़े तो उस समय के विपक्षी दलों को फायदा हुआ है. 2017 के यूपी चुनाव में 1.6 प्रतिशत वोटिंग बढ़ने पर भाजपा को फायदा हुआ था. हालांकि अब सवाल है कि क्या इस बार कम वोटिंग प्रतिशत प्रतिशत एग्जिट पोल के नतीजे पलटेंगे.
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