अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बुधवार सुबह रवाना हो गया है। ये जत्था जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू बेस कैंप से रवाना किया है। इस दौरान उपराज्यपाल तीर्थयात्रियों ने हर हर महादेव के जयकारे लगाए। गौरतलब है कि अमरनाथ की यात्रा 30 जून से शुरू होगी। मिली जानकारी के मुताबिक, 3 हजार से ज्यादा तीर्थयात्री इस पवित्र यात्रा के लिए रवाना हुए हैं। कोरोना महामारी की वजह से ये यात्रा 2 साल बाद आयोजित हो रही है।
आतंकी खतरे की वजह से सुरक्षाबल अलर्ट
इस यात्रा की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। आतंकी खतरे को देखते हुए जवान यहां पूरा तरह से मुस्तैद हैं। यात्रियों की सुरक्षा में सीआरपीएफ के बाइक स्क्वॉड कमांडो को लगाया गया है। गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा में रुकावट डालने के लिए आतंकी संगठन लश्कर पहले ही धमकी दे चुका है। ऐसे में सुरक्षाबल पूरी तरह अलर्ट हैं।
यात्रियों के वाहनों में RFID टैग लगाए गए
यात्रियों को जो वाहन ले जा रहे हैं, उनमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) टैग लगाए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है। ये यात्रा 30 जून से शुरू होकर 11 अगस्त तक रहेगी।
यात्रा के हैं 2 रूट
बता दें कि अमरनाथ यात्रा के 2 रूट है। एक रूट पहलगाम से है और दूसरा रूट सोनमर्ग बालटाल से जाता है। पहलगाम से अमरनाथ 28 किलोमीटर है, वहीं बालटाल से ये दूरी करीब 14 किलोमीटर है। हालांकि पहलगाम के रास्ते को यात्री ज्यादा सुविधाजनक मानते हैं।
यात्रियों को आधार कार्ड नंबर जमा करना होगा
यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस बार नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन में इस बात पर जोर दिया गया है कि अमरनाथ यात्रियों को आधार कार्ड नंबर जमा करना होगा। नोटिफिकेशन में जारी नियम के अनुसार, मंजूरी के बाद जो तीर्थयात्री अमरनाथ यात्रा के लिए जाना चाहते हैं, उनके पास आधार कार्ड या आधार का प्रमाण देना होगा। इस अधिसूचना के जारी होने के बाद से निर्देशों का भी पालन किया जाना जरूरी कर दिया गया है।
अधिकारियों को तकनीक का इस्तेमाल करना होगा
यात्रा को सुरक्षित और आसान बनाने के लिए जारी दिशा निर्देश के अनुसार सभी कामों को निर्धारित समय में पूरा करना होगा। यात्रा की सुरक्षा के लिए अधिकारियों को तकनीक का इस्तेमाल करना होगा। अधिकारियों को समय रहते सुरक्षा व्यवस्था की जांच करनी होगी। यात्रा के दौरान गाड़ी, घर, चिकित्सा के जरूरी सामान, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं, भोजन आदि उपलब्ध कराया जाएगा।
सालों से आतंकियों के निशाने पर रही है अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा सालों से आतंकियों के निशाने पर रही है। साल 2000 में पहलगाम बेस कैंप में आतंकी हमले में 17 तीर्थयात्रियों सहित 25 लोग मारे गए थे। वहीं, जुलाई 2017 में यात्री बस पर हुए आतंकी हमले में सात तीर्थयात्री मारे गए थे। इस बार अमरनाथ यात्रा को शांति और सुरक्षित तरह से पूरी कराने के लिए गृह मंत्रालय ने खास तैयारियां की हैं।