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उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती पर सीएम के सख्त निर्देशों के बाद मंगलवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा भी बिजली कटौती पर सख्त नजर आए। अधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री ने रोस्टर (शिड्यूल) के मुताबिक सभी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए हैं। इसके पालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही और शिथिलता पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंगलवार की शाम को शक्तिभवन से ऊर्जा मंत्री ने मध्यांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की समीक्षा की। इस बैठक का एजेंडा ही रोस्टर के मुताबिक बिजली और उपभोक्ताओं की शिकायतों का निस्तारण रखा गया था।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि गर्मी तेज है, ऐसे में अनावश्यक बिजली की कटौती ना हो। उन्होंने कहा कि प्रबंधकीय खामियों से राज्य में विद्युत व्यवस्था चरमराई हुई है। जिसके लिए डिस्काम के एमडी, मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंताओं को अपनी कार्य संस्कृति में सुधार करना होगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि व्यवस्था सुधारने में जन प्रतिनिधियों का सहयोग लें और उनके सुझावों पर अमल करें। सरकार की मंशा उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली देने की है। जनता की समस्याओं का समाधान भी ईमानदारी से होना चाहिए।

100 फीसदी उपभोक्ताओं को बिल नहीं देने पर होगी कार्रवाई
ऊर्जा मंत्री ने जिलों के अधीक्षण अभियंताओं से बिजली आपूर्ति के बारे में जानकारी ली। बिल कितने फीसदी उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है, यह भी पूछा। सौ फीसदी उपभोक्ताओं को बिल नहीं दिए जाने की सूचना मिलने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बिलिंग सौ फीसदी होनी चाहिए। हर उपभोक्ता को हर महीने का बिल मिलना चाहिए। सौ फीसदी उपभोक्ताओं को बिल नहीं दिए जाने पर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े बकायेदारों को लक्ष्य कर बकाया वसूला जाए। बड़ा बकायेदार कोई भी हो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करें। बड़े शहरों खासकर लखनऊ को बिजली तारों के मकड़जाल से मुक्त करने को कहा।

1912 को राज्यस्तरीय बनाने का निर्देश दिया
ऊर्जा मंत्री ने विभाग के कॉल सेंटर नंबर 1912 को राज्यस्तरीय बनाने के निर्देश भी दिए ताकि उपभोक्ता कहीं भी इस नंबर पर राज्य के किसी भी हिस्से से फोन कर उपभोक्ता अपने घर अथवा मुहल्ले की बिजली से संबंधित शिकायत दर्ज कराने के साथ ही उसका समाधान करा सके। अभी इस नंबर की सेवाएं वितरण कंपनियों के क्षेत्र तक ही सीमित है। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज तथा प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से कहा कि रोस्टर के मुताबिक बिजली देने की व्यवस्था की जाए। बिजली ट्रिपिंग कम से कम हो इस पर भी ध्यान दिया जाए ताकि बिजली आपूर्ति जबतक की जा रही है वह निर्बाध रहे।

चेयरमैन ने एसएलडीसी का निरीक्षण किया
दूसरी तरफ बताया जाता है कि उ.प्र. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने गोमती नगर स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) का निरीक्षण किया। गौरतलब है कि एसएलडीसी से ही राज्य को मिल रही बिजली, बिजली की उपलब्धता, सप्लाई का डाटा मेंटेन किया जाता है। पावर एक्सचेंज से बिजली की खरीब भी एसएलडीसी के माध्यम से ही होता है।


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