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करो या मरो: भारत आज श्रीलंका से हारा तो एशिया कप से हो जाएगा बाहर

एशिया कप के सुपर-4 राउंड में आज भारत का सामना श्रीलंका से है। भारत के लिए ये मुकाबला ‘करो या मरो’ वाला है। टीम इंडिया सुपर-4 राउंड का अपना पहला मुकाबला पाकिस्तान के खिलाफ हार चुकी है। श्रीलंका के खिलाफ मैच हारने पर भारतीय टीम एशिया कप से बाहर हो जाएगी। वहीं, श्रीलंका ने सुपर-4 राउंड का अपना पहला मुकाबला अफगानिस्तान के खिलाफ जीता था। इस मैच को जीतने पर टीम का फाइनल का रास्ता आसान हो जाएगा। हारने पर श्रीलंका के पास एक और मौका होगा। श्रीलंका को अभी पाकिस्तान से मैच खेलना है।

लगातार दो जीत से श्रीलंका के हौसले बुलंद

शुरुआती मुकाबले में करारी हार के बाद श्रीलंका ने बांग्लादेश और अफगानिस्तान करीबी मुकाबलों हराकर अपने अभियान को पटरी पर ले आई है। तीसरे नंबर के बल्लेबाज चरित असालंका को छोड़कर श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने प्रभाव डाला है। बांग्लादेश के खिलाफ कप्तान दसुन शनाका और कुसाल मेंडिस और अफगानिस्तान के खिलाफ धनुष्का गुणतिलके और भानुका राजपक्षे प्रभावी पारियां खेलीं।

कोच क्रिस सिल्वरवुड की टीम अब राहत की सांस ले सकती है कि वह किन्ही भी परिस्थितियों में जीत हासिल कर सकती है। यही कारण है कि भारत को श्रीलंका से सतर्क रहना होगा। शनाका ने अफगानिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बाद कहा था कि ड्रेसिंग रूम में जज्बा बना हुआ है। उन्हें लगता है कि वे बतौर टीम किसी भी लक्ष्य का पीछा कर सकते हैं।

शीर्ष क्रम पर रहेगा दारोमदार

पाकिस्तान के खिलाफ सकारात्मक चीज यह रही कि शीर्ष क्रम ने शानदार प्रदर्शन किया। रोहित, केएल राहुल और विराट कोहली ने आक्रामकता दिखाते हुए भारत को तेज शुरूआत दिलाई। कोहली के आलोचक एशिया कप में उनके लगातार दूसरे अर्धशतक के बाद अब चुप हो सकते हैं। वह भले ही अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हों, लेकिन रविवार को उन्होंने संकेत दिया कि वह इस ओर बढ़ रहे हैं। श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले में कोहली और दोनों सलामी बल्लेबाजों से पहली ही गेंद से तेज तर्रार बल्लेबाजी की उम्मीद करनी होगी।

चोटिल रविंद्र जडेजा, हर्षल पटेल और जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में भारत के पास गेंदबाजी में खिलाने ज्यादा विकल्प भी नहीं हैं। भारत के पास जो गेंदबाज हैं उनमें निरंतरता की कमी है। खासतौर पर युजवेंद्र चहल इस वक्त रोहित शर्मा की चिंताओं का कारण होंगे। पाकिस्तान के खिलाफ रविवार को पांच गेंदबाजों के साथ खेलना भी भारत को रास नहीं आया। उसे एक अतरिक्ति तेज गेंदबाज की कमी खली। खासतौर पर भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पंड्या के असफल होने की स्थिति में छठे गेंदबाज की जरूरत महसूस हुई।

टीम इंडिया के पास प्रयोग की गुंजाइश नहीं

सात बार की विजेता टीम इंडिया जब मंगलवार को ‘सुपर फोर’ मुकाबले में श्रीलंका के सामने होगी तो उसे अपने गेंदबाजों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की जरूरत होगी। अब उसके लिए टूर्नामेंट में बने रहने के लिए ज्यादा प्रयोग की गुंजाइश भी नहीं बची है।