कर्नाटक के शिवमोगा में सोमवार (15 अगस्त, 2022) को स्वतंत्रता दिवस पर अमीर अहमद सर्कल में वीर सावरकर का पोस्टर लगाए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया। कुछ मुस्लिम युवकों ने हिंदू समर्थकों द्वारा लगाए गए पोस्टर का विरोध किया। हालात को देखते हुए कर्नाटक पुलिस ने शिवमोग्गा जिले के कुछ हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू कर दी। इसी तरह की एक घटना में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ताओं द्वारा इस पर आपत्ति जताए जाने के बाद हिंदुत्व के विचारक सावरकर को हटाए जाने के बाद मंगलुरु में सुरथकल जंक्शन पर एक बैनर लगाया गया था।
बता दें, मंगलुरु नगर निगम ने पहले मंगलुरु उत्तर भाजपा विधायक वाई भरत शेट्टी के अनुरोध पर सावरकर के नाम पर सर्कल का नाम रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। आधिकारिक तौर पर सर्कल का नाम रखने के लिए नागरिक निकाय सरकार की अनुमति का इंतजार कर रहा है। एसडीपीआई के एक स्थानीय नेता ने कहा कि इस मुद्दे को पुलिस के संज्ञान में लाया गया, क्योंकि सूरथकल सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र है। उन्होंने यह भी कहा कि एसडीपीआई सावरकर के नाम पर सर्कल के नामकरण के खिलाफ है।
‘सावरकर देश ही नहीं, दुनिया के लिए प्रेरणास्त्रोत’
बता दें, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता बीएस येदियुरप्पा ने स्वतंत्रा दिवस की पूर्व संध्या एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा था कि सावरकर देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
सावरकर को सच्चा देशभक्त बताते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा सावरकर को महज इसलिए निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि उनकी देशभक्त के प्रति मिल रहे सम्मान को वो पचा नहीं पा रहे हैं।
टीपू सुल्तान का पोस्टर फाडे़ जाने पर बोले पूर्व सीएम- तथ्यों से अनजान हूं
बेंगलुरु में टीपू सुल्तान के पोस्टर को फाड़े जाने मामले पर जब पत्रकारों ने कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा से उनकी राय जाननी चाही तो उन्होंने कहा, ‘मैं उस घटना पर चर्चा नहीं करना चाहता। मैं केवल शिवमोगा में सावरकर की घटना पर टिप्पणी करना चाहूंगा। जहां तक टीपू सुल्तान के विवाद की बात है तो मैं तथ्यों से अनजान हूं, जानकारी लेने के बाद ही कोई बात कहूंगा।’