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अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग (Tawang) में भारत-चीन के सैनिकों में झड़प होने की खबर है। जानकारी के मुताबिक दोनों तरफ के कई सैनिक जख्मी हैं।

जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में गलवान (Galwan) की घटना के बाद से भारतीय और चीनी सैनिक 9 दिसंबर की सुबह अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भिड़ गए। दोनों तरफ के सैनिकों ने एक-दूसरे को लाठी और डंडों से पीटा।

अरुणाचल प्रदेश में झड़प 9 दिसंबर 2022 की सुबह लगभग 3 बजे पूर्वी तवांग में यांग्त्से के पास हुई थी। सैन्य सूत्रों के अनुसार, LAC का यह हिस्सा दोनों पक्षों के बीच विवादित क्षेत्रों में से एक है। LAC के पास एक नाले के दोनों ओर भारतीय और चीनी सैनिक तैनात हैं, लेकिन उस रात लगभग 300 चीनी सैनिक भारतीय पक्ष में आ गए।

India-China Conflict के दौरान कई घंटे चलीं लाठियां और डंडे

सीमा उल्लंघन के बारे में कोई चेतावनी नहीं दी गयी थी। अचानक संतरी पर हमला होने की आवाज सुनकर करीब 70 से 80 भारतीय सैनिक घुसपैठियों को पीछे धकेलने के लिए रात के अंधेरे में तेजी से जुट गए। सूत्रों के मुताबिक झड़प के दौरान कई घंटे लाठियां और डंडे चलीं।

सेना के एक अधिकारी ने कहा कि इस फेस ऑफ में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं। अधिकारी ने कहा, “दोनों पक्ष तुरंत ही विवादित क्षेत्र से हट गए। घटना के बाद क्षेत्र में भारतीय कमांडर ने सुरक्षा और शांति बहाल करने के लिए और इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए समकक्ष चीनी अधिकारियों के साथ एक फ्लैग मीटिंग की।”

मीडिया में झड़प की खबरों के बाद भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा कि 9 दिसंबर को दोनों देशों के बीच झड़प हुई थी। चीनी सैनिक भारतीय चौकी को हटाना चाह रहे थे। हमने उन्हें खदेड़ा। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों को हल्की चोटें आई हैं। सेना ने अपने बयान में कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का बहादुरी से मुकाबला किया और उनकी साजिशों को नाकाम किया।

PLA में ज्यादा लोग घायल- बोले BJP MP

अरुणाचल-पूर्व से BJP MP तपीर गाव ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, “9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में PLA और भारतीय सेना के बीच झड़प हुई और इसमें हमारे सेना घायल हुए हैं, लेकिन PLA में ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सीमा पर तैनात भारतीय जवान एक इंच भी नहीं हिले। अब स्थिति ठीक है। ये जो भी हुआ वह निंदनीय है।”

सरकार के एक सूत्र ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस बार पीएलए ने उपयुक्त समय देखकर पूर्व नियोजित हमला किया था। यह घटना उत्तराखंड की पहाड़ियों में औली में भारत-अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास ऑपरेशन युद्धभ्यास पर आपत्ति जताने के कुछ दिनों बाद हुई, जिसमें दावा किया गया कि यह 1993 और 1996 के सीमा समझौतों का उल्लंघन है।


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