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मध्यप्रदेश में पोषण आहार योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. पोषण आहार योजना के तहत गरीब बच्चों और महिलाओं को मिलने वाला राशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. कैग रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश महिला बाल विकास विभाग में 110 करोड़ रुपये घोटाला सामने आया है.

सरकारी दस्तावेज में दिखाया गया कि हजारों टन राशन को ट्रकों पर ढोया गया, लेकिन जिन ट्रकों का नंबर दिया गया वो फर्जी निकले. असल में ये नंबर मोटरसाइकल, कार, ऑटो और टैंकरों के हैं. एमपी के इस घोटाले को भी उसी तरह अंजाम दिया गया जैसे कभी चारा घोटाले को दिया गया था.

CAG रिपोर्ट से हुआ घोटाले का खुलासा

आपको बता दें कि ये सारी जानकारी मध्य प्रदेश की सीएजी रिपोर्ट से सामने आई है. दावा है कि पोषण आहार योजना में करोड़ों की हेराफेरी हुई है. खास बात ये है कि एमपी में महिला बाल विकास विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ही पास है.

मिली जानकारी के अनुसार, अभी सिर्फ कुछ ही जिलों की जांच हुई है और उसी में इतना बड़ा घोटाला सामने आया है. माना जा रहा है कि अगर पूरे प्रदेश में जांच की जाती है तो ये एक बड़ा घोटाला होगा.

क्या बोले राज्य के गृह मंत्री?

ये भी बता दें कि मध्य प्रदेश के 6 जिलों में पोषण आहार के कारखाने हैं और जितनी प्रोडक्शन कागजों पर दिखाई गई, असल में उतनी नहीं हुई है.  हालांकि, राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सीएजी की रिपोर्ट से खासा इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ एक सलाह भर है.

कांग्रेस ने की सीएम से इस्तीफे की मांग

कांग्रेस (Congress) ने आरोप लगाया कि सरकार ने करीब 111 करोड़ रुपये का राशन कागजों पर बांट दिया है. कांग्रेस पार्टी ने मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफे की मांग की है. पूर्व मंत्री एवं विधायक जीतू पटवारी ने कहा, “एजी की मीडिया में सामने आई गोपनीय रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में करीब 111 करोड़ रुपये का राशन कागजों पर बांट दिया गया. इस घोटाले के तहत राशन वितरण में तब भी फर्जीवाड़ा किया गया, जब प्रदेश में कोविड-19 का भीषण प्रकोप था.”

उन्होंने कथित घोटाले पर राज्य सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि सरकारी राशन के स्टॉक में गड़बड़ी की गई और कुपोषित बच्चों तक पहुंचने वाले पोषाहार की गुणवत्ता भी नहीं जांची गई. कांग्रेस विधायक ने मांग की है कि राशन वितरण की ये कथित गड़बड़ियां सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपने पद से तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.

‘ये घोटाला 250 से 300 करोड़ का हो सकता है’

पटवारी ने दावा किया कि किसी निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच किए जाने पर कथित राशन घोटाला 250 से 300 करोड़ रुपये का निकल सकता है. कांग्रेस विधायक ने कहा कि विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में पार्टी राशन घोटाले का मुद्दा उठाएगी.


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