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दिल्ली पुलिस की बड़ी कामयाबी, 1200 करोड़ रुपए के ड्रग्स जब्त, अफगानी नागरिक गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को नशा तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। स्पेशल सेल ने दो अफगान नागरिकों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से 312.5 किलोग्राम मेथामफेटामाइन दवा और 10 किलोग्राम हेरोइन जब्त की। जब्त की गई कुल ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 1200 करोड़ रुपये से अधिक है। जानकारी के मुकताबिक, ड्रग्स की ये खेप पहले चेन्नई से लखनऊ और फिर वहां से दिल्ली भेजी गई थी।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, यह देश के इतिहास में मेथामफेटामाइन दवाओं की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक है। दोनों अफगान नागरिक 2016 से भारत में रह रहे थे। लखनऊ के एक गोदाम से 606 बैग बरामद किए गए।

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी एचजीएस धालीवाल ने कहा, यह देश के इतिहास में मेथामफेटामाइन दवाओं की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक है. दोनों अफगान नागरिक 2016 से भारत में रह रहे थे. आगे की पूछताछ में लखनऊ के एक गोदाम से 606 बैग बरामद किए गए.

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी धालीवाल ने कहा, बरामद बैग को नारकोटिक्स टेस्ट के लिए भेजा जाएगा. हमने उनके कब्जे से 10 किलो हेरोइन भी बरामद की है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में मेथम्फेटामाइन की बेहतरीन गुणवत्ता 400 डॉलर प्रति ग्राम तक जा सकती है

मेथम्फेटामाइन की खोज 1893 में हुई थी. इसे क्रैंक, स्पीड और मैथ नाम से भी जाना जाता है. दरअसल ये एक शक्तिशाली उत्तेजक हैं. जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर असर डालता है. ये बेहद नशीला होता है. आमतौर पर इसका नशे के रूप में दुरूपयोग किया जाता है. एमईटी यूरिन टेस्ट के जरिए पेशाब में इस ड्रग का पता किया जाता है. बेहद शक्तिशाली उत्तेजना पैदा करने वाली इस ड्रग्स को ड्रग के लती अपने नशे को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल में लाते हैं. सामान्य तौर पर ये सूंघा और खाया जाता है, या फिर इंजेक्शन के जरिए इसे नसों में लिया जाता है.

आमतौर पर इसका असर 6 से 8 घंटे तक रहता है. हालांकि इसका असर 24 घंटे तक भी रह सकता है. इसे लेने वाले शख्स को यूफोरिया यानी बेहद खुशी का एहसास होता है. दिखने में ये ड्रग चमकदार क्रिस्टल जैसी होती है. स्वाद की बात की जाए तो ये ड्रग कड़वे स्वाद वाली पाउडर या गोली है. रासायनिक संरचना में ये एम्फ़ैटेमिन (दवा) जैसी है, जिसका इस्तेमाल अंटेशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) और नार्कोलेप्सी में होता है. यह दोनों ही बीमारियां नींद से जुड़ी हैं.

क्या होता है इसका शरीर पर असर

जैसा कि मेथामफेटामाइन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर सीधा असर करता है. इससे इंसान में भ्रम, मतिभ्रम गुस्सा और हिंसा के लिए उतारू हो जैसी प्रवृति पैदा होती है.ये सीधे इंसानी दिमाग को अपना निशाना बनाता है. जहां ये डोपामाइन (Dopamine) कैमिकल को बढ़ा देता है. ये खुशी, उत्साह और प्रेरणा की अनुभूति कराने वाला कैमिकल है, यही वजह है कि इस ड्रग के लेने से इंसान को अस्थायी तौर पर बेहद खुशी होती है.

इसे लेने वाले शख्स के अंदर इसे बार-बार लेने की इच्छा बलवती होती है. लंबे वक्त तक इसे लेने से दिमाग और दिल पर बुरा असर पड़ता है. इसकी बेहद अधिक खुराक लेने से ये जानलेवा साबित होती है. इसकी ओवरडोज लेने से  बहुत गुस्सा आने, अधिक व्याकुलता, हाई ब्लड, प्रेशर, हाइपरएक्टिविटी, साइकोसिस, हार्ट रेट का बढ़ जाना, शरीर का तापमान बढ़ जाना और आंखों की पुतली बड़े होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

लंबे वक्त तक इसका इस्तेमाल करने से दांतों में सड़न, वजन कम हो जाना, चिंता, याददाश्त कम होने, नींद संबंधी परेशानी होना, शरीर में खुजली होने जैसी परेशानियां पेश आती हैं. अगर यूरिन टेस्ट में मेथामफेटामाइन ड्रग की मात्रा 500 नैनो ग्राम प्रति मिलीलीटर से या उससे कम होने पर इसे नेगेटिव माना जाता है, लेकिन इससे अधिक होने पर टेस्ट पॉजिटिव माना जाता है.