ज्ञापवापी मस्जिद को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष आमने-सामने हैं। इसकी आग अब दूसरे राज्यों तक भी पहुंच गई है। कर्नाटक की जामा मस्जिद को लेकर भी ऐसा ही दावा किया गया है तो कुतुबमीनार और ताजमहल को सर्वे की मांग भी उठ रही है। इस बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक बयान चर्चा में आ गया है। उन्होंने कहा है कि हर मस्जिद में शिवलिंग को तलाशा जाना ठीक नहीं। उनके इस बयान का कई पार्टियों ने स्वागत किया है। इसमें कई विपक्षी दल भी शामिल हैं।
जान लीजिए क्या कहा था संघ प्रमुख ने
संघ प्रमुख मोहन भागवत नागपुर में संघ शिक्षा वर्ग, तृतीय वर्ष 2022 के समापन समारोह कार्यक्रम में थे। यहां उन्होंने जो भाषण दिया, उसको लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है। संघ प्रमुख ने कहा, इतिहास वो है जिसे हम बदल नहीं सकते। इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न ही आज के मुसलमानों ने, ये उस समय घटा..हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों तलाशना है? यह ठीक नहीं है। हम विवाद क्यों बढ़ाना चाहते हैं? हर दिन हमें नया मामला नहीं लाना चाहिए।
क्या बोली शिवसेना?
संघ प्रमुख के बयान का शिवसेना ने स्वागत किया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, मैं उनके बयान का समर्थन करता हूं। यह रोज-रोज की अराजकता खत्म होनी चाहिए, नहीं तो देश को ही नुकसान होगा। मस्जिदों में शिवलिंग तलाश करने के बजाय हमें यह विचार करना चाहिए कि कैसे कश्मीरी पंडितों की जान बचाई जा सकती है।
जदयू का क्या है रुख?
जदयू नेता व बिहार सरकार में मंत्री बिजेंद्र प्रसाद ने कहा, देश बेवजह के विवादों में फंस रहा है। कानून में हर समस्या का निदान है, लेकिन धर्म के नाम पर बिना मतलब तनाव बढ़ाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।
देवबंद के उलेमा क्या बोले?
देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने भी संघ प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा सभी देशवासी यही चाहते हैं कि देश में अमन-शांति कैसे बहाल हो। अगर हम मंदिर-मस्जिद की राजनीति में उलझ गए तो देश बर्बाद हो जाएगा।
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