Benjamin Netanyahu
Benjamin Netanyahu

इजराइल (Israeli News) से सबसे बड़ी खबर सामने आई है। इजराइल के प्रधानमंत्री याइर लापिड ने बृहस्पतिवार को चुनाव में हार स्वीकार कर ली और विपक्षी नेता बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) को फोन कर चुनावी जीत पर बधाई दी। नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन ने संसद में बहुमत हासिल कर लिया है। नेतन्याहू-नीत दक्षिणपंथी गुट ने 120-सदस्यीय संसद में 64 सीट जीतकर बहुमत हासिल कर लिया।

इस बीच भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने ट्वीट कर नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) को बधाई दी। पीएम मोदी के ट्वीट का बेंजामिन नेतन्याहू ने जवाब भी दिया है। उन्होंने कहा, ‘धन्यवाद मेरे दोस्त, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, मैं इजराइल और भारत के बीच निरंतर सहयोग की आशा करता हूं।’

लापिड ने लोगों को दिया शुभकामनाएं

लापिड ने नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के सभी विभागों को सत्ता के व्यवस्थित हस्तांतरण की तैयारी करने के निर्देश दिये हैं। लापिड ने ट्वीट किया, “इजराइल की संकल्पना किसी भी राजनीतिक विचार से ऊपर है। मैं नेतन्याहू को इजराइल और यहां के लोगों के लिए शुभकामनाएं देता हूं।” इजराइल के लोगों ने देश में राजनीतिक गतिरोध को तोड़ने के लिए मंगलवार को चार साल में अभूतपूर्व पांचवीं बार मतदान किया।

अब फिर से वापसी बेंजामिन नेतन्याहू की

केंद्रीय निर्वाचन समिति के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 31 सीट, प्रधानमंत्री याइर लापिड की येश अतीद को 24, रिलीजियस जियोनिज़्म को 14, नेशनल यूनिटी को 12, शास को 11 और यूनाइटेड टोरा जुदाइस्म को आठ सीटें प्राप्त होंगी।

इजराइल में वर्षों तक नेतन्याहू राजनीतिक रूप से अजेय प्रतीत हो रहे थे, लेकिन 2021 में पार्टियों के एक अभूतपूर्व गठबंधन द्वारा सत्ता से बाहर किए जाने के बाद उन्हें एक करारा झटका लगा था। इस गठबंधन का एकमात्र लक्ष्य उन्हें सत्ता से बाहर करना था। इजराइल में 2019 में 73 वर्षीय नेतन्याहू पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी एवं विश्वासघात के आरोप लगने के बाद से राजनीतिक गतिरोध चला आ रहा है। नेतन्याहू इजराइल के सर्वाधिक समय तक प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने लगातार 12 वर्षों तक और कुल मिलाकर 15 साल तक देश पर शासन किया। उन्हें पिछले साल सत्ता से हटना पड़ा था।

दरअसल, इजराइल की संसद में 120 सीटें हैं। नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और उसके सहयोगियों के इनमें से 64 सीटें जीतने का अनुमान है। बता दें कि इजराइल की राजनीति पूरी तरह से गठबंधन पर आधारित है। यहां कोई भी एक पार्टी संसद में कभी बहुमत हासिल नहीं कर पाती है। इसलिए सरकार बनाने के लिए दूसरे दलों की मदद लेनी ही पड़ती है।


Discover more from Newzbulletin

Subscribe to get the latest posts sent to your email.