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कांग्रेस को झटके पर झटके दे रहे आज़ाद, 7 दिन में 100 नेता, 5 हजार कार्यकर्ता तोड़े

गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस पार्टी छोड़े अभी एक सप्ताह का भी वक्त नहीं हुआ है। इतने कम वक्त में आजाद ने कांग्रेस पार्टी को अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। जम्मू कश्मीर की राजनीति में बड़ा रसूख रखने वाले आजाद के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक सप्ताह से भी कम वक्त में कांग्रेस के 100 से ज्यादा नेता पार्टी छोड़कर आजाद को अपना समर्थन दे चुके हैं। बुधवार को जम्मू कश्मीर में आम आदमी पार्टी के 51 नेताओं ने भी पार्टी छोड़कर आजाद को अपना समर्थन दिया है। इतना ही नहीं गुरुवार को कांग्रेस के 5000 कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर आजाद को अपना समर्थन देंगे।

गुलाम नबी आजाद ने बीते 26 अगस्त को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे को कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने अपने बयानों से यह साबित करने की कोशिश की कि पार्टी को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन, जिस तरह आजाद के जाने से कांग्रेस पार्टी में बिखराव शुरू हुआ है, खासकर जम्मू कश्मीर में। पहले से देश की राजनीति में अपनी जमीन खो चुकी कांग्रेस के लिए यह किसी बुरे स्वप्न से कम नहीं है।

आजाद से जुड़ेंगे 5000 कांग्रेसी कार्यकर्ता
मिरर नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, गुलाम नबी आजाद के समर्थन में जम्मू कश्मीर के 5000 कांग्रेसी कार्यकर्ता गुरुवार को उरी में होने वाले एक कार्यक्रम के दौरान सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे और आजाद को अपना समर्थन देंगे। इससे पहले बुधवार को 42 कांग्रेसी नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया और कहा कि वे आजाद की होने वाली पार्टी के साथ जुड़ेंगे। कुल मिलाकर जम्मू कश्मीर में आजाद अभी तक कांग्रेस के 100 से ज्यादा नेता और कल हजारों कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़ेंगे।

आप नेता भी जुड़े
इससे पहले बुधवार को जम्मू कश्मीर में आम आदमी पार्टी के 51 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर आजाद को अपना समर्थन देने का ऐलान किया।

गौरतलब है कि आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ऐलान किया था कि वे जल्द ही अपना दल शुरू करेंगे। उन्होंने जम्मू कश्मीर की राजनीति पर फोकस करने की भी बात कही थी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उनकी नई पार्टी का नाम क्या होगा और नई पार्टी का गठन कब तक करेंगे, लेकिन जिस तरह आजाद के अपनी पार्टी बनाने से पहले ही बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता जुट रहे हैं, उसने कांग्रेस पार्टी के लिए चिंता जरूर बढ़ा दी है।