Ayodhya Ram Mandir Update: अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर आखिरकार समय तय हो गया है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की दूरी बैठक में भूमि पूजन के लिए 3 और 5 अगस्त की तारीख तय की गई है। ट्रस्ट की तरफ से दोनों तारीखें प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दी गई हैं। इस पर अंतिम फैसला अब प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से होगा।
अयोध्या में शनिवार को हुई बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा। इसमें अब तीन की बजाय पांच गुंबद बनाए जाएंगे।
ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने दी जानकारी
चंपत राय ने बताया कि सोमपुरा मार्बल ब्रिक्स ही मंदिर का निर्माण करेगा। सोमनाथ मंदिर को भी इन लोगों ने बनाया है, मंदिर बनाने में पैसे कि कमी नहीं होगी, मंदिर के लिये 10 करोड़ परिवार दान देंगे। उन्होंने आगे बताया कि कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो मिट्टी परीक्षण के लिए नमूने जुटा रही है।
मंदिर की नींव का निर्माण मिट्टी की क्षमता के आधार पर 60 मीटर नीचे किया जाएगा। नींव रखने का काम नक्शे के आधार पर शुरू होगा। शनिवार को सर्किट हाउस में हुई बैठक में चंपत राय के अलावा अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, कामेश्वर चौपाल, नृत्यगोपाल दास, गोविंद देव गिरी महाराज और दिनेंद्र दास समेत दूसरे ट्रस्टी सर्किट हाउस में मौजूद रहे।
बैठक में क्या तय हुआ?
राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक शनिवार को दोपहर लगभग 4 बजे शुरू हुई। इसमें ट्रस्ट के पदाधिकारी बैठक में मंदिर निर्माण से जुड़े कई अहम फैसले लिए जाने की बात कर रहे थे। इससे पहले आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने भी अयोध्या पहुंचकर मंदिर निर्माण से जुड़े वीएचपी नेताओं और संतों से मुलाकात की। वह ट्रस्ट की बैठक की तैयारी को लेकर कारसेवकपुरम् की बैठक में भी शामिल हुए। मंदिर का अजेंडा इसी मीटिंग के बाद फाइनल हुआ।
क्या मोदी आएंगे ?
PM मोदी के आने पर चंपत राय ने कहा, ‘पीएम मोदी से निवेदन किया गया है, स्वयं नृत्यगोपाल दास जी ने किया है, लेकिन अंतिम फैसला पीएमओ को करना है। देश में अभी बॉर्डर पर कई मामले चल रहें हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना संकट व बरसात के बाद 10 करोड़ परिवारों से मंदिर के लिए सहयोग के लिए सम्पर्क अभियान चलेगा। मंदिर का तकनीकी निर्माण शुरू करने के बाद 3 साल में बन जाएगा मंदिर। अब तक के समतलीकरण के कार्य से सदस्य संतुष्ट हैं।
रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास की मांग करते रहे हैं कि ट्रस्ट की बैठक में पीएम का कार्यक्रम तय किया जाए, जिससे मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो सके। वहीं जगद्गुरू राम दिनेशाचार्य ने कहा कि संत चाहते हैं कि पीएम मंदिर निर्माण जल्द शुरू करवाएं।
क्या बोले इकबाल अंसारी
दूसरी ओर, बाबरी मंस्जिद के पक्षकार रहे इक़बाल अंसारी ने भी कहा कि वे पीएम मोदी का अयोध्या में स्वागत करना चाहते हैं। मंदिर निर्माण को लेकर जो संत समाज चाहता है, वही मैं भी चाहता हूं। अंसारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से जो 5 एकड़ भूमि मुस्लिम समाज को दी गई है, उस मस्जिद की भूमि पर एक अस्पताल और एक स्कूल का निर्माण किया जाए।
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