उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) की एंट्री से 5G स्पेक्ट्रम (Spectrum) नीलामी काफी दिलचस्प रहने वाला है. स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों में केवल अडानी ग्रुप ही अकेली ऐसी कंपनी है को सीधे तौर पर टेलिकॉम सर्विसेज से नहीं जुड़ी है. लेकिन स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने से अब सरकार को ज्यादा रेवेन्यू मिलने का अनुमान है.
सरकार को बेहतर रेवेन्यू मिलने का अनुमान टेलिकॉम सेक्टर (Telecom Sector) को नई तकनीक यानी 5G से लैस करने के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई से शुरू होगी और इसमें कुछ फ्रीक्वेंसी बैंड के लिए आक्रामक बोली लगाई जा सकती है. इस बार स्पेक्ट्रम की नीलामी अडानी डेटा नेटवर्क के रेस में शामिल होने से ज्यादा दिलचस्प हो गई है. अडाणी समेत कुल 4 कंपनियां स्पेक्ट्रम की नीलामी में शामिल होने जा रही हैं. इनमें रिलायंस जियो 55 से 60 हजार करोड़ रुपये की कीमत के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने का अनुमान है.
वहीं भारती एयरटेल 45 से 50 हजार करोड़ और अडाणी 13 से 15 हजार करोड़ कीमत के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगा सकता है. इस रेस में चौथी कंपनी वोडाफोन है. माना जा रहा है कि 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में जियो, एयरटेल और अडाणी ग्रुप के बीच जोरदार मुकाबला होने की उम्मीद है.
19 जुलाई तक आवेदन वापस लेने की तारीख
आवेदन करने वाली कंपनियों के पास अपना आवेदन वापस लेने के लिए 19 जुलाई तक का समय है. लेकिन लगता नहीं है कि कोई भी कंपनी इस मुकाबले से पीछे हटेगी. 5जी के आने के बाद इंटरनेट की स्पीड में जबरदस्त बढ़ोतरी होने का अनुमान है.
इस नीलामी का सबसे हैरान करने वाला खिलाड़ी अडानी डेटा नेटवर्क सीधे तौर पर टेलीकॉम सेवाएं देने की योजना तो नहीं बना रहा है. लेकिन 5जी स्पेक्ट्रम हासिल करके कंपनी एयरपोर्ट्स से लेकर अपने कारोबार तक के लिए इसका इस्तेमाल निजी नेटवर्क के तौर पर करेगा अडानी की नीलामी में सरप्राइज एंट्री पर दिग्गज रिसर्च एजेंसियों ने भी दिलचस्प अनुमान जाहिर किए हैं.