90th Interpol General Assembly
90th Interpol General Assembly

इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन (INTERPOL) का 90वां सेशन (90th Interpol General Assembly) मंगलवार को शुरू हुआ। यह 21 अक्टूबर तक चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) इसका उद्धाटन किया।

इस मौके (90th Interpol General Assembly) पर मोदी (PM Modi) ने कहा- 99 साल से इंटरपोल दुनिया के 195 देशों की पुलिस को कनेक्ट कर रहा है। ये इसलिए भी अहम है, क्योंकि हर देश का कानूनी ढांचा अलग है। भारत यूएन के पीसकीपिंग में सैनिक भेजता रहा है और ये सिलसिला देश के आजाद होने के पहले चल रहा है।

मोदी (PM Modi) ने आगे कहा- भारत ने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए हमने बलिदान दिए हैं। हमारी पुलिस करीब 900 राष्ट्रीय और 10 हजार राज्यों के कानून के तहत अपने फर्ज को अंजाम देती है। पाकिस्तान समेत 195 देशों के डेलिगेशन इस मीटिंग में शिरकत कर रहे हैं।

भारत को 25 साल बाद इस सेशन (90th Interpol General Assembly) को होस्ट करने की जिम्मेदारी मिली है। इसके पहले 1997 में इस इंटरनेशनल बॉडी को नई दिल्ली में होस्ट किया गया था।

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पाकिस्तान के दो आला अफसर पहुंचे

पाकिस्तान की तरफ से फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी FIA के डायरेक्टर इस मीटिंग में हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा पाकिस्तान में मौजूद इंटरपोल के डायरेक्टर भी आ रहे हैं। प्रगति मैदान में इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

सेशन में कुल 195 सदस्य देशों के डेलिगेशन शिरकत कर रहे हैं। इनमें कुछ मिनिस्टर्स, पुलिस चीफ और सेंट्रल एजेंसीज के अफसर हैं। इस तरह की मीटिंग साल में एक बार ऑर्गनाइज की जाती है। भारत में आखिरी बार 1997 में इसका आयोजन किया गया था।

भारत ने आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर यह आयोजन करने का प्रस्ताव भेजा था। इंटरपोल ने इसे स्वीकार कर लिया था। भारत की कानून और व्यवस्था के बारे में इस सेशन को बताया जाएगा।

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इंटरपोल के प्रेसिडेंट भी पहुंचे

इंटरपोल के प्रेसिडेंट अहमद नस्र अल रईसी और सेक्रेटरी जनरल जुर्गेन स्टॉक जनरल असेंबली में मौजूद हैं। 21 अक्टूबर को यह सेशन खत्म होगा और तब होम मिनिस्टर अमित शाह इसे संबोधित करेंगे।

जनरल असेंबली इंटरपोल की हाईएस्ट गवर्निंग बॉडी है। इसमें सदस्य देशों के डेलिगेशन शामिल होते हैं। इनकी संख्या तय नहीं होती।

सेक्रेटरी जनरल ने क्या कहा

सेशन के पहले एक इंटरव्यू में इंटरपोल के सेक्रेटरी जनरल जुर्गेन स्टॉक ने कहा- स्टेट स्पॉन्सर्ड टेरेरिज्म यानी ऐसा आतंकवाद जिसे कोई सरकार समर्थन करती हो, उसे रोकने में हमारा कोई रोल नहीं है। हम बाल शोषण, रेप, मर्डर, ड्रग स्मगलिंग और सायबर क्रिमिनल्स के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। यह हर साल अरबों डॉलर की कमाई इन गैरकानूनी कामों से करते हैं।

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एक सवाल के जवाब में स्टॉक ने कहा- रेड नोटिस या इंटरनेशनल अरेस्ट वॉरंट का मतलब यह नहीं है कि हम किसी सदस्य देश पर अपराधी को गिरफ्तार करने का दबाव डालें। यह उस देश का क्रिमिनल सिस्टम या कानून तय करता है।

भारत के लिए अब तक 780 रेड नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें से 33 इसी साल जारी किए गए। दो साल में 65 भगोड़े भारतीयों की लोकेशन पता की गई।


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