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पिछले 2 साल में भारत में कोरोना से 47 लाख मौतें: विश्व स्वास्थ्य संगठन

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण से 47 लाख से ज्यादा लोगों की मौत के अनुमान पर भारत सरकार ने गुरुवार को अपना विरोध जताया है। WHO को कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार ने कहा है कि अधिक मृत्यु दर अनुमानों को पेश करने के लिए गणितीय मॉडल के इस्तेमाल पर भारत की कड़ी आपत्ति जताए जाने के बावजूद WHO ने अतिरिक्त मृत्यु दर का अनुमान जारी किया है। साथ ही सरकार ने कहा कि WHO ने इन अनुमानों को जारी करते वक्त सरकार की चिंताओं पर काम नहीं किया।

भारत में गई 47 लाख लोगों की जान


बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि दुनिया में पिछले 2 वर्षों में लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने या तो कोरोना वायरस से या स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़े इसके प्रभाव के कारण जान गंवाई। यह देशों द्वारा मुहैया कराए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 60 लाख मौत के दोगुने से ज्यादा है।

ज्यादातर मौतें दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप और अमेरिका में हुईं। वहीं, भारत को लेकर अपने अनुमान में WHO ने कहा था कि देश में 1 जनवरी 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2021 के बीच कोविड से 47 लाख से भी ज्यादा लोगों की जान गई थी।


WHO चीफ ने आंकड़ों को बताया गंभीर


WHO के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयियस ने इस आंकड़े को ‘गंभीर’ बताते हुए कहा कि इससे देशों को भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं में अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित होना चाहिए। WHO के तहत वैज्ञानिकों को जनवरी 2020 और पिछले साल के अंत तक मौत की वास्तविक संख्या का आकलन करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

यह आंकड़ा देशों की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों और सांख्यिकी मॉडलिंग पर आधारित है। डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 से सीधे तौर पर मौत का विवरण नहीं मुहैया कराया है। 

भारत ने आकलन की पद्धति पर उठाए सवाल


भारत जैसे देशों ने कोविड-19 से हुई मौतों के आकलन की पद्धति को लेकर सवाल उठाए हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में भारत सरकार ने नए आंकड़े जारी किए जिससे पता चला कि पिछले साल की तुलना में 2020 में 4,74,806 अधिक मौतें हुईं। भारत ने 2021 के लिए मौत का अनुमान जारी नहीं किया।

ब्रिटेन के एक्सेटर विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. भरत पंखानिया ने कहा कि खासकर गरीब देशों में कोविड-19 से हुई मौतों के बारे में सटीक संख्या का पता कभी नहीं चल सकेगा। उन्होंने कहा कि दीर्घावधि में कोविड-19 से अधिक नुकसान हो सकता है।