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पिछले 8 वर्षों में 22 करोड़ युवाओं ने नौकरी के लिए किया आवेदन, सिर्फ 7 लाख लोगों के हाथ लगी नौकरी

सरकारी नौकरियों (Sarkari Naukri) में पिछले आठ वर्षों से कमी लगातार जारी है। इस दौरान प्राप्त आवेदनों में से 1 प्रतिशत से भी कम अभ्यर्थियों का चयन किया गया। 2014-15 से 2021-22 तक प्राप्त 22.5 करोड़ आवेदनों में से महज 7.22 लाख यानी अ0.33 प्रतिशत अभ्यर्थियों की ही नियुक्ति केंद्र सरकार (Central government jobs) के विभिन्न विभागों में की गई। केंद्र सरकार ने बुधवार को यह जानकारी लोकसभा में दी।

लिखित उत्तर में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा को सूचित किया कि नियुक्ति के लिए अनुशंसित अभ्यर्थियों की अधिकतम संख्या 1.47 लाख थी 2019-20 में कोविड-19 महामारी के पूर्ण प्रकोप से एक साल पहले। वह वर्ष, जिसमें लोकसभा के चुनाव भी हुए, आठ वर्षों के दौरान चुने गए कुल 7.22 लाख में से 20 प्रतिशत से थोड़ा अधिक था।

आकड़ों के अनुसार सरकारी नौकरियों के लिए चुने गए उम्मीदवारों की संख्या में 2014-15 के बाद से गिरावट आ रही है, जिसमें 2019-20 एकमात्र अपवाद है। 2014-15 में नियुक्ति के लिए 1.30 लाख अभ्यर्थियों की सिफारिश की गई थी, लेकिन बाद के वर्षों में संख्या में लगातार गिरावट आई 2015-16 में 1.11 लाख, 2016-17 में 1.01 लाख, 2017-18 में 76,147, 2018-19 में 38,100, 2020-21 में 78,555 और 2021-22 में 38,850 थी।

केंद्रीय विभागों में पिछले आठ वर्षों में नियुक्ति के लिए केवल 7.22 लाख उम्मीदवारों का चयन किया गया। केंद्र ने इस साल 14 जून को घोषणा की थी कि वह अगले 18 महीनों में ‘मिशन मोड’ में 10 लाख लोगों की भर्ती करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा करने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से घोषणा की गई।

Central govt jobs: 2018-19 में प्राप्त हुए सबसे अधिक आवेदन
राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह की ओर से दी गई जानकारी से यह भी पता चलता है कि 2014 के बाद से कुल 22.05 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए थे। अधिकतम आवेदन (5.09 करोड़) 2018-19 में प्राप्त हुए थे, और सबसे कम 1.80 करोड़ 2020-21 में प्राप्त हुए थे।

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि आठ वर्षों में प्राप्त होने वाले वार्षिक औसत 2.75 करोड़ आवेदनों के मुकाबले, हर साल औसतन 90,288 उम्मीदवारों का चयन किया गया था। आठ वर्षों के दौरान प्राप्त आवेदनों की संख्या में से चयनित उम्मीदवारों का अनुपात 0.07 प्रतिशत से 0.80 प्रतिशत के बीच था।

तेलंगाना के कांग्रेस सांसद अनुमुला रेवंत रेड्डी के सवाल के जवाब राज्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन के साथ रोजगार में सुधार सरकार की प्राथमिकता है। सरकार द्वारा लागू की जा रही पीएलआई योजनाओं में 60 लाख नए रोजगार सृजित करने की क्षमता है। स्वरोजगार की सुविधा के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) लागू की जा रही है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार विभिन्न प्रमुख कार्यक्रम जैसे मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी मिशन, कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मनरेगा आदि के जरिए भी रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में सरकार लगातार प्रयासरत है।