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2024 में चाचा-भतीजा राजनीति में करेंगे बड़ा खेल, अखिलेश-शिवपाल इस प्लान पर कर रहे काम

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव (Mainpuri By-Electon 2022) में जीत के बाद समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अब नए सिरे से सियासी जमीन तैयार करने में जुट गए हैं.

चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को साथ लाने के बाद अब अखिलेश का पूरा फोकस यादव वोट बैंक पर है और यादवलैंड से सीधे जुड़कर रणनीति बना रहे हैं.

यादवलैंड पर अखिलेश यादव का फोकस

इटावा, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, औरैया, फर्रुखाबाद और कन्नौज में शुरू से ही समाजवादी पार्टी (SP) का वर्चस्व रहा है, जिसे यादवलैंड कहा जाता है. लेकिन, पिछले कुछ समय में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यादवलैंड में सेंध लगाई है, जिससे सपा को वोट के मामले में नुकसान हुआ है. अब अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) एक बार फिर पूरी शिद्दत के साथ यादवलैंड पर फोकस कर रहे हैं.

बीजेपी ने सपा के कद्दावर नेताओं को अपने साथ जोड़ा

भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगातार यादवलैंड में भगवा ध्वज फहराने की कोशिश करती रही है और पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी (SP) से नाराज कई कद्दावर नेताओं को पार्टी ने अपने साथ जोड़ा था. इसके बाद सपा को नुकसान हुआ और बीजेपी को विधानसभा चुनाव में कुछ हद तक कामयाबी मिली.

युवाओं से सीधे जुड़कर रणनीति बना रहे अखिलेश

पिछले कुछ सालों में हुए नुकसान का आकलन करते हुए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मैनपुरी उपचुनाव से पहले चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को अपने साथ जोड़ा और घर-घर चुनाव प्रचार किया. इसके साथ ही अखिलेश अब नए प्लान पर काम कर रहे हैं और यादवलैंड में हर गांव के युवाओं से सीधे जुड़ रहे हैं और भविष्य की रणनीति बना रहे हैं.

इन जिलों में यादवों का बड़ा वोट बैंक

इटावा, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, औरैया, फर्रुखाबाद और कन्नौज में यादव मतदाताओं का बोलबाला है, जो लंबे समय से सपा का समर्थन करता आया है. राजनीतिक पार्टियों के आंकड़ों के अनुसार, मैनपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब साढ़े चार लाख यादव मतदाता हैं, जबकि फिरोजाबाद में यादव मतदाताओं की संख्या करीब 4 लाख, कन्नौज में 2.2 लाख, इटावा में 2 लाख और फर्रुखाबाद में करीब 1.8 लाख है.