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Tirupati Balaji Temple: तिरुपति मंदिर ने जारी किया खजाने का ब्योरा- 14000 करोड़ नकद, 14 टन सोना.. 85705 करोड़ की प्रॉपर्टी

भारत में कई ऐसे हिंदू मंदिर हैं, जिनकी अकूत संपत्तियां (Richest Temple) हैं। जहां श्रद्धा और भक्ति से लबरेज करोड़ों भक्त अपने भगवान को चढ़ावा चढ़ाते हैं। ऐसे ही मंदिरों में शुमार है तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji)।

अभी हाल ही में दुनिया के सबसे अमीर हिंदू पूजा (Richest Temple) स्थल निकाय तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (Tirumala Tirupati Devasthanam) ने अपनी संपत्तियों का ब्यौरा सार्वजनिक किया है। घोषणा की गई है कि मंदिर के पास भारत में कुल 960 संपत्तियां हैं। जिसकी अनुमानित कीमत 85,705 करोड़ रुपये है।

मीडिया रिपोर्ट्स में हुआ खुलासा

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो टीटीडी अधिकारियों के हवाले से जानकारी दी गई है कि यह सरकारी आंकड़ा है, जिनका बाजार मूल्य डेढ़ से दो गुना अधिक लगभग 2 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है। आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में पहली बार टीटीडी ने आधिकारिक तौर पर अपनी संपत्तियों का ब्यौरा सार्वजनिक किया है।

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जानिए मंदिर को हुंडी में कितना दान मिला

इन चीजों को समझने के लिए आप तुलनात्मक अध्ययन कर सकते हैं। जैसे दुनिया के रिचेस्ट पर्सन टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क ने साल 2021 में जानकारी दी थी कि वह इस साल 11 अरब डॉलर टैक्स भरेंगे। एक आकलन के मुताबिक लगभग 85,000 करोड़ रुपये, जो अमेरिका जैसे संपन्न देश के लिए भी रिकॉर्ड है। वहीं, अगर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के आंकड़ों की बात करें तो, यह आंकड़े ऐसे समय में आए हैं।

जब पिछले 5 महीनों से मंदिर में हुंडी दान के जरिए टीटीडी की प्रतिमाह आय में लगातार बढ़ोतरी हुई है। हुंडी से केवल अप्रैल से अब तक दान में लगभग 700 करोड़ रुपये मिले हैं। अमेरिका के अलावा देश और विदेशों में बनाए जाएंगे मंदिर आपको बता दें कि ट्रस्ट की तरफ से मंदिर को भारत के विभिन्न हिस्सों और विदेशों तक बढ़ावा दिया जाएगा, जिसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों में मंदिर बन रहे हैं।

टीटीडी के अध्यक्ष ने दी जानकारी

इस मामले में टीटीडी के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंदिर ट्रस्ट देश भर में 7,123 एकड़ भूमि पर अपना नियंत्रण रखता है। साल 1974 से 2014 के बीच अलग-अलग सरकारों के कार्यकाल में टीटीडी के विभिन्न ट्रस्टों ने अपरिहार्य वजह से 113 संपत्तियों को बेच दिया। उन्होंने बताया कि टीटीडी ने 2014 के बाद मंदिर की किसी भी संपत्ति का निपटान नहीं किया। साथ ही उन्होंने कहा कि कोई अचल संपत्ति को बेचने की योजना नहीं है।

टीटीडी के अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार के निर्देशों के बाद एक पहल शुरू की गई, जिसके तहत ट्रस्ट बोर्ड ने हर साल टीटीडी की संपत्तियों पर एक श्वेत पत्र जारी करने का संकल्प लिया। उन्होंने बताया कि पहला श्वेत पत्र पिछले साल जारी किया गया था। इस बार सभी विवरण के साथ दूसरा श्वेत पत्र संपत्तियों के मूल्यांकन के साथ टीटीडी की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि टीटीडी के पास अलग-अलग बैंकों में लगभग 14,000 करोड़ से अधिक की एफडी है। इसके अलावा लगभग 14 टन सोना है।